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Lumpy skin disease in Haryana: हरियाणा में गोवंशों के बाद अब भैंसों में भी लंपी चरमरोग के लक्षण, जानिए किस जिले में कितने मामले

• LAST UPDATED : August 17, 2022

इंडिया न्यूज़, Lumpy skin disease in Haryana: लंपी चरमरोग ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है। गायों के बाद अब भैसों में भी इस बीमारी के लक्षण सामने आ रहे हैं। हरियाणा पशुपालन विभाग के अनुसार सात जिलों में लंपी बीमारी के लक्षण 34 भैंसों में पाए गए हैं। सबसे ज्यादा सिरसा में 19 भैंसे में इस बीमारी के लक्षण पाए गए है। वहीं कुरुक्षेत्र व अंबाला 4-4, पंचकूला 3, भिवानी 2 और कैथल व करनाल में 1-1 भैंस में लंपी चरमरोग के लक्षण मिले हैं, जिसके बाद इनके सैंपल भोपाल संस्थान में भेजे गए हैं।

चंडीगढ़ में की थी समीक्षा बैठक          

केंद्रीय मंत्री लंपी चरमरोग की स्थिति और इससे खत्म करने के लिए चंडीगढ़ में समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने इस बीमारी से जुड़ी दवाईयों की की उपलब्धता और सभी राज्यों के लिए दवाईयों कें रेट समान रखने का मुद्दा रखा।

इस पर रूपाला ने कहा कि इस बीमारी के रोकथाम के लिए प्रभावित राज्यों में दवाईयों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। दवाईयों की उपलब्धता और रेट को लेकर केंद्र सरकार दखल देगी। कहा कि सभी राज्यों में समान भाव में दवाईयां मुहैया कराई जाएगी। केंद्र सरकार दवा निमार्ता कंपनियों से जुड़ी हुई है और कंपनियों ने दवाईयों का उत्पादन बढ़ा दिया है।

टीकाकरण पर रहेगा जोर

रूपाला ने कहा कि लंपी चरमरोग से निपटने के लिए दो प्रकार की योजना बनाई गई है। पहला प्रयास यह रहेगा कि जो पशु इस बीमारी से बचे हैं उनका टीकाकरण करवाया जाए। वहीं दूसरा, बीमारी से प्रभावित पशुओं को अलग रखा जाए। इन्होंने आगे कहा कि जिन जिलों में लंपी से पीड़ित ज्यादा पशु हैं वहां सबसे पहले पशुओं का टीकाकरण करवाया जाए, ताकि इस बीमारी को आगे फैलने से रोका जा सके। इसके लिए सभी राज्यों को गाइडलाइन जारी की गई है।

लंपी से अब तक 87 गायों की मौत

पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 14 जिले प्रभावित है। जिसके कारण 87 गायों की मौत हो चुकी है। अब तक 1479 गांव लंपी की चपेट में आए है। वहीं 17440 पशुओं में से 7777 पशु ठीक भी हो चुके हैं। 9663 पशुओं का इलाज अभी जारी है। राज्य में कुल 71.26 लाख पशु हैं। जिनमें से 43.77 लाख भैंस और 19.32 लाख गोवंश हैं।

लंपी से यमुनानगर सबसे ज्यादा प्रभावित, फिर भी दवा नही पहुंची

लंपी चरमरोग से राज्य में यमुनानगर जिला अब तक सबसे प्रभावित है। यमुनानगर में अब तक 9009 मामले आ चुके है। लेकिन फिर भी यहां दवाई नही पहुंची है। बता दें कि राज्य के सभी 18 जिलों में गॉट पाक्स दवाई को वितरण किया जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक चरखीदादरी, नूंह, पलवल और यमुनानगर में दवाई नही भेजी गई है। दवाई न पहुंचने के कारण यमुनानगर जिला सबसे ज्यादा लंपी से प्रभावित है। जो की जिले के पशुपालकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

जानिए किस जिले में कितने मामले

अब तक यमुनानगर जिलें में सबसे ज्यादा 9009 मामले आए है। वहीं सिरसा 2939, अंबाला 1767, कुरुक्षेत्र 1120, कैथल 937, फतेहाबाद 659, पंचकूला 515, करनाल 208, पलवल 85, हिसार 76, जींद 72, भिवानी 22, फरीदाबाद 16 और महेंद्रगढ़ में 15 पशु लंपी चरमरोग से प्रभावित हैं।

Lumpy skin disease in Haryana

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