इंडिया न्यूज, Haryana News (Lumpy Skin Vaccine) : गोवंश के लिए लंपी बीमारी से निजात के लिए जो टीका बना है, उसके प्रयोग से पशुओं में चंद दिनों में ही रोग प्रतिरोधक बढ़ने लगती है। तीन सप्ताह बाद तो पशु पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
शोध में यह भी जानकारी मिली है कि अभी प्रयोग की जा रही वैक्सीन हिट्रोलागस में 10 दिन बाद एंटीबॉडी बननी शुरू होती है, जबकि लंपी प्रोवैक आईएनडी के प्रयोग के बाद पशुओं में मात्र सात दिन बाद ही एंटीबॉडी बनने लगती है।
वर्ष 2019 में भारत में आई लंपी बीमारी के लिए वैक्सीन की खोज करने वाले राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार के वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार (Dr. Naveen Kumar) ने बताया कि एलएसडी के वायरस से तैयार की गई स्वदेशी टीका लंपी प्रोवैक आईएनडी पूरी तरह से सुरक्षित है।
अगर टीका लगने के एक सप्ताह के अंदर पशु किसी अन्य संक्रमित पशु के संपर्क में आता है, तो उसके संक्रमित होने की पूरी आशंका है। इसलिए संक्रमण को रोकने के लिए पशुओं का भ्रमण रोकना सबसे जरूरी है। टीकाकरण के बाद पशु को तीन सप्ताह तक दूसरे पशु से बचाकर रखना अति आवश्यक है।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार के डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि अश्व अनुसंधान केंद्र ने टीका के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए डेढ़ लाख टीके बनाए हैं, जिनका उपयोग किया जा रहा है। राजस्थान-हरियाणा की गोशालाओं में इस वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है।
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