India News Haryana (इंडिया न्यूज), Makar Sankranti 2025 : सूर्य उपासना व दान पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी यानी मंगलवार को मनाया जाएगा। गत वर्षो में मकर संक्रांति पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति रहीं लेकिन अबकी बार ऐसा कुछ नहीं है। 14 जनवरी को सुबह 8:56 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा इसके साथ ही मकर संक्रांति पर्व पूरे दिन मनाया जाएगा। अगर सूर्य ग्रह सूर्यास्त के पहले राशि परिवर्तन करते हैं तो संक्रांति का पुण्यकाल उसी दिन माना जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। शनि मकर व कुंभ राशि के स्वामी हैं। ऐसे में यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन का साक्षी होता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को मकर संक्रांति पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा। इस बार मकर संक्रांति पीतांबरी वस्त्रों में बाघ पर सवार होकर आएगी तथा इसका उपवाहन अश्व (घोड़ा) होगा।
पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन प्रात:काल में ही हो रहा है। ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व शास्त्रीय मतानुसार 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। सुबह राशि परिवर्तन करने से संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक अर्थात सुबह 7:27 से शाम 5:52 तक रहेगा। महापुण्य काल सुबह 9:03 से 10:52 बजे तक रहेगा। इस दौरान धर्म-पुण्य व दान कार्य करना अधिक फलदायी रहेगा। मिश्रा ने बताया इस साल की मकर संक्रांति शिक्षित वर्ग के लोगों के लिए काफी अच्छी रहने वाली है।
मिश्रा ने बताया कि अधिकांश हिंदू त्योहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य के चारों ओर पृथ्वी द्वारा की जाने वाली परिक्रमा की गणना के आधार पर मनाया जाता है। जब सूर्य राशि बदलकर उत्तरायण होते हैं तब संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। कुंभ एवं मकर राशि वालों को काले तिल का दान करना चाहिए। मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातक कंबल दान करें। वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए चावल और फल का दान करना लाभकारी होगा। वृषभ और कन्या राशि के जातक वस्त्र दान कर सकते है। कर्क राशि वाले दूध या घी दान दान करें।