India News (इंडिया न्यूज), Live in Relationship and Illicit Relations, चंडीगढ़ : आधुनिकता की इस दौड़ में इंसानी रिश्ते भी लगातार दरक रहे हैं। हंसते खेलते परिवार भी इंसानी गलतियों की भेंट चढ़ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा में भी लिव इन रिलेशनशिप के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। युवा थोड़े समय के आकर्षण के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं। इसके अलावा शादी के बाद किसी अन्य से अवैध संबंध भी लगातार परिवारों को बर्बाद कर रहे हैं। दोनों ही तरह के मामले प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं और इसका असर सामाजिक ढांचे और ताने-बाने पर बेहद नकारात्मक रूप से पड़ा है।
इन पहलुओं ने समाजशास्त्रियों को भी मंथन पर विवश कर दिया है। बढ़ते मामलों की पुष्टि प्रदेश के महिला आयोग के आंकड़ों से होती है। पहले यहां आयोग के पास महीने में केवल एकाध केस ही आता रहा तो अब हालात ये हैं कि हर रोज या दूसरे दिन कोई न कोई मामला ऐसा आ रहा है। दोनों कैटेगरी में हर महीने 20 से 25 मामले आयोग के पास आ रहे हैं। एनसीआर में आने वाले जिलों में तो मामलों में और भी इजाफा हुआ है।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई मामलों में ये सामने आया है कि 15 साल के लड़के-लड़की भी लिव इन रिलेशनशिप में रहे हैं। ये बेहद ही चिंताजनक है और कहीं न कहीं माता-पिता को काफी कुछ सोचने के लिए मजबूर करता है।
आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 से 25 साल के युवाओं में तेजी से लिव इन रिलेशनशिप का ट्रेंड बढ़ा है। अल्पकालीन आकर्षण के लिए कम उम्र में लड़के-लड़कियां लिवइन में रह रहे हैं जोकि किसी भी लिहाज से उचित नहीं कहा जा सकता। परिपक्वता की कमी और आपसी मतभेदों के चलते ये रिश्ते ज्यादा नहीं चल पाते। आगे जाकर कहीं न कहीं लड़के व लड़की के भविष्य पर सवालिया निशान लग जाता है।
वहीं लिव इन के बढ़ते मामलों को लेकर खाप पंचायत भी लगातार खिलाफत में है और इसको लेकर खाप पंचायत की बैठक भी आयोजित हो चुकी है। पिछले महीने जींद के हैबतपुर में खापों की बैठक हुई थी जिसमें लिव इन में रहने से पहले माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने की बात की गई।
इसको लेकर सामाजिक संगठनों से लेकर समाजशास्त्री और खाप पंचायतें कई बार चिंता जता चुके हैं, हरियाणा के जींद जिले के हैबतपुर गांव के ग्राम सचिवालय में माजरा खाप की पंचायत के दौरान लिव इन संबंधों और प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की गवाही जरूरी बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद जींद के जलालपुर में 23 खापों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए और बैठक में मौके पर कहा गया कि लिव इन में रहने से पहले लड़के-लड़की को अपने पेरेंट्स से अनुमति लेनी चाहिए। बैठक में यह भी कहा गया कि लिव इन को लेकर सख्त कानून होना चाहिए।
वहीं हरियाणा सरकार ने 1 जुलाई से अविवाहितों के लिए पेंशन स्कीम शुरू की हुई है। इसके अनुसार 45 से 60 साल के उन अविवाहितों के लिए पेंशन का प्रावधान किया गया है, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख से कम है, लेकिन महिला और पुरुष दोनों अविवाहित हैं, लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं तो वो 2,750 रुपए प्रतिमाह की पेंशन के पात्र नहीं होंगे।
हरियाणा सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पेंशन का पात्र होने के लिए लाभार्थियों को आधिकारिक तौर पर अविवाहित रहना होगा। हालांकि, समान आयु वर्ग के विधुर और विधवाओं के लिए उनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से अधिक नहीं है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 65,000 अविवाहित पुरुष और महिलाओं के अलावा 5,687 विधुर या विधवाएं हैं। अविवाहितों के लिए पेंशन पर सालाना करीब 240 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।