होम / Karnal National Wheat and Barley Research Institute के स्थापना दिवस पर पहुंचे कई प्रदेशों के किसान

Karnal National Wheat and Barley Research Institute के स्थापना दिवस पर पहुंचे कई प्रदेशों के किसान

• LAST UPDATED : February 10, 2023

इशिका ठाकुर, Haryana (Karnal National Wheat and Barley Research Institute) : करनाल के राष्ट्रीय गेहूं एवं जों अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान दिल्ली के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा ने शिरकत की। उनके साथ मुख्य रूप से करनाल संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, हरियाणा कृषि विभाग के महानिदेशक डॉ. श्रीनरहरिसिंह बांगड़ तथा करनाल कृषि विभाग के उपनदेशक आदित्य डबास, मीडिया प्रभारी राजेंद्र शर्मा, इंद्री विधायक राम कमार कश्यप आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र परोदा ने दीप प्रज्वलित करते हुए की।

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

कृषि उत्पादों तथा उपकरणों की प्रदर्शनी

करनाल के राष्ट्रीय गेहूं एवं जो संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर अलग-अलग राज्यों से आए किसानों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। संस्थान के परिसर में कृषि उत्पादों तथा उपकरणों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसे देखने के लिए किसानों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी काफी उत्साह दिखाई दिया।

मोटे अनाज को लेकर प्रभावी योजना तैयार की जा रही : बांगड़

संस्थान के स्थापना दिवस अवसर पर पहुंचे हरियाणा कृषि विभाग के महानिदेशक नरहरी सिंह बांगड़ ने बताया कि सरकार द्वारा मोटे अनाज का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए किसानों के लिए प्रभावी योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए किसानों को बाजरा, मक्का, रागी सहित अन्य मोटे अनाज पर अधिक सब्सिडी देने और एफपीओ से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मार्कीटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ मोटे अनाज पर आधारित विभिन्न उत्पाद और व्यंजन तैयार करने के लिए युवाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। युवाओं और किसानों को वैल्यू एडिशन के गुर भी सिखाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: Hospital New Dress Code : प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर व स्टाफ के लिए ड्रेस कोड लागू

उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रही है। इसके लिए आगामी बजट में विशेष प्रोत्साहन दिए जाने की भी आशा है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के फायदों को देखते हुए हरियाणा में इसका रकबा बढ़ाने के लिए एफपीओ का सहारा लिया जाएगा और किसानों को बीज से लेकर उसकी मार्केटिंग तक हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने बाजरा उत्पादक किसानों को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है। नरहरी सिंह बांगड़ ने कहा कि मिलेट्स के व्यंजन और अन्य उत्पाद बनाने के लिए इकाई स्थापित करने हेतु किसानों और युवाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

समारोह के मुख्य अतिथि और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ. आरएस परोदा ने कहा कि इस संस्थान का भारत के खाद्य मिशन में बहुत बड़ा योगदान है और इसने किसानों को 200 से अधिक गेहूं एवं जों की किस्में उपलब्ध कराई हैं, जिनके कारण भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। उन्होंने कहा कि संस्थान की बदौलत ही आज देश के पास इतना खाद्य भंडार है कि हम गेहूं का निर्यात कर पा रहे हैं। मोटे अनाज को लेकर उन्होंने कहा कि आज देश को स्वास्थ्य और जल बचाने के लिए मोटा अनाज उगाना पड़ेगा। महिलाओं और बच्चों के अंदर पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए हमें मोटा अनाज उगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे देश में बाजरे का क्षेत्र 8 मिलियन हेक्टेयर है जो जागरूकता के बाद और बढ़ेगा।

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

Karnal National Wheat and Barley Research Institute

संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र ये बोले-

राष्ट्रीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि उनका संस्थान अब जैविक खेती पर शोध कर रहा है और इसके परिणाम आने में करीब 3 साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि आॅर्गेनिक खेती के लिए किसानों को थोड़ा और प्रयास करना पड़ेगा। जैविक खेती के लिए देशी खाद व ग्रीन मेन्योर उगाना पड़ेगा।

इस अवसर पर किसानों ने मेले में विभिन्न तकनीकों का अवलोकन किया और उनकी जानकारी हासिल की। प्रदर्शनी में गेहूं से बनाए जाने वाले खाद्य उत्पादों जैसे बिस्किट, ब्रेड, दलिया मैक्रोनी तथा पास्ता आदि की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पर चल रहे प्रयोगों को लेकर भी प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर डॉ. विकास गुप्ता, सुरेंदर सिंह, सुनील कुमार, बीरू राम व लखविंद्र को विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कर्मचारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पंजाब, हरियाणा व बिहार से आए सात किसानों को भी कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट स्वर्णिमा लेख पुरस्कार भी वितरित किए गए तथा संस्थान से सम्बद्ध मेधावी छात्रों कुमारी कनिका नागपाल, कुमारी अंजलि झा, अर्जुन खोखर, आदित्य राज व अर्शदेव अहलावत को भी पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में लगभग 1200 किसानों ने भाग लिया। किसानों को कदन्न अनाज से बने व्यंजन परोसे गए। तकनीकी सत्र का संचालन डॉ. अनिल खिप्पल द्वारा किया गया व मंच संचालन डॉ. अनुज कुमार ने किया।

यह भी पढ़ें: Turkey Syria Earthquake Death Toll Updates : मौत का आंकड़ा पहुंचा 21 हजार के पार, हालात दयनीय

Connect With Us : Twitter, Facebook

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox