गांवों में कैंप लगाकर बीमित किसानों को दी जाएगी फसल बीमा पॉलिसी
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Meri Policy Mere Haath scheme कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल (JP Dalal) ने सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत बीमा पॉलिसी के वितरण के लिए मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा व महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह भी मौजूद रहे। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों बारे किसानों को जागरूक करने और फसल बीमा पॉलिसियों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत प्रदेश के 7.33 लाख बीमित किसानों को रबी 2021-22 की पॉलिसी का वितरण ग्राम स्तर पर किया जाएगा।
इस पॉलिसी से किसानों को उनकी फसल के लिए काटा गया प्रीमियम और फसल बीमा की पूर्ण जानकारी मिल जाएगी, जिससे खराबा के समय दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि बीमा कंपनियां बीमित किसानों को यह पॉलिसी वितरण करेगी। इस कार्यक्रम की परिकल्पना केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में की गई है। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में यह योजना वर्ष 2016 से क्रियान्वित की जा रही है। इसमें खरीफ फसल में धान, कपास, बाजरा, मक्का व रबी फसल में गेहूं, जौ, सरसों, चना तथा सुरजमुखी का बीमा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से 2021 तक 75.12 लाख किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया, जिससे किसानों को मात्र 1258.49 करोड़ रुपए омг के प्रीमियम के बदले दावे के रूप में 4194.25 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
दलाल ने कृषि विभाग व बीमा एजेंसी को निर्देश दिए कि वे इस पॉलिसी के लिए किसानों को विस्तार से जानकारी दें। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को पॉलिसी के दस्तावेज प्राप्त करने के साथ-साथ उस योजना की बारीकी समझना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद फसल का नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उसके नुकसान की भरपाई की जाती है। इसके लिए किसान को मामूली प्रीमियम देना होता है। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के तहत किसानों को उनकी फसल बीमा पॉलिसी उनके घर द्वार पर ही दी जाएगी। इसके साथ बीमा मुआवजा का दावा करने के लिए संपूर्ण जानकारी दी जाएगी, ताकि उन्हें भविष्य में मुआवजा प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक होने वाले इन कार्यक्रमों की पूरी व्यवस्था संबंधित बीमा कंपनियों की ओर से की जाएगी।
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