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बारिश में डूबे लाखों… जानिए पूरी खबर

सोनीपत/ राम सिंह

सोनीपत की सब्जी मंडी में गंदे पानी के जलभराव होने से सब्जी मंडी तालाब में तब्दील हो गई है।  मंडी में कई फुट तक पानी भर गया है।  बारिश होने से मंडी में कई दिनों तक जलभराव रहता है। जलभराव के कारण आलू के व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। आलू  पूरी तरह से सड़ गए हैं। 15 से 20 दिन तक चलने वाला आलू  2 दिन में सड़ जाने के कारण  व्यापारियों को लाखों का नुकसान हो गया है। सब्जी विक्रेताओं के साथ-साथ ग्राहक भी परेशान है।  मंडी में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है। मंडी में ग्राहक से लेकर दुकानदारों ने मंडी के जलभराव को लेकर परेशानी जाहिर की  है।

 

 

 सोनीपत सब्जी मंडी पर बरसात का मौसम आफत बनकर टूट रहा है। जहां लगातार होने वाली बारिश प्रशासन की पोल खोल कर रख रही है। बरसात के बाद हुए जल भराव के कारण लाखों रुपए की सब्जियां आढ़तियों और सब्जी विक्रेताओं की खराब हो गई है।  सब्जी विक्रेताओं, आढ़तियों के साथ-साथ सब्जियां खरीदने के लिए मंडी में पहुंचे ग्राहकों ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया है। पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है। सोनीपत की सब्जी मंडी में पड़ा हुआ आलू पूरी तरह से सड़ गया है। व्यापारीयों का कहना है की उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। इससे पहले प्याज के व्यापारी भी खामियाजा भुगत चुके हैं। आलू 15 से 20 दिन तक चलता था वह अभी दो दिन में ही खराब हो गया है।दरअसल आढ़तियों ने काफी मात्रा में आलू मंगवाकर मंडी में स्टॉक कर रखा था। इस दौरान बरसात हो गई और आलू जल भराव का शिकार हो गई। आढ़तियों को एक-एक बैग को खोलकर आलू को सूखाना पड़ रहा है। पानी की वजह से खराब हो चुके आलू  को अढ़ती अलग निकालने पर मजबूर है। इसके अतिरिक्त अन्य सब्जियां भी मासाखोरों की खराब हो गई है। वही मंडी में फैली गंदगी और जलभराव के कारण डेंगू और मलेरिया की बीमारियों के फैलने की अंदेशा है। लोग इस खतरे को लेकर भी काफी डरे हुए है।

कामी रोड पर स्थित सब्जी मंडी का ग्राउंड लेवल आसपास के क्षेत्र से काफी नीचे हैं। बरसात शुरू होते ही मंडी में जल भराव की समस्या पैदा होने लगती है। मंडी में काम करने वाले लोगों का आरोप है कि मंडी में जो सीवरेज लाइन दबाई गई है। वह काफी पुरानी है। सीवरेज लाइन की समय पर सफाई भी नहीं होती है। जिसके कारण मंडी में वैसे ही कई-कई दिनों तक गंदा पानी जमा रहता है। ऐसे में जैसे ही बरसात होती है तो मंडी में डेढ़ से दो फुट तक पानी जमा हो जाता है। मंडी में पानी निकासी के लिए एक पम्पसेट लगा रखा है, लेकिन तेज बरसात के समय यह पम्प सेट भी जल भराव को रोकने में अधिक कामयाब नहीं हो पाता है। ऐसे में मंडी में जिस शैड के नीचे बैठकर मासाखोर सब्जियां बेचते है, उस शैड के नीचे घुटनों तक पानी जमा हो जाता है। परिणामस्वरूप वहां आढ़तियों व मासाखारों की रखी हई  सब्जियां खराब हो जाती है। मंडी में पानी की निकासी होने के बाद भी चारों तरफ कई दिनों तक कीचड़ फैला रहता है।

 

सब्जी मंडी में बरसात होते ही शेड के नीचे भी काफी पानी जमा हो जाता है। जिसकी वजह से उनकी सब्जियां खराब हो गई है। सबसे अधिक नुकसान आलू का हुआ है। जब भी बरसात होती है लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ता है। प्रशासन को सब्जी मंडी में पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए। मासाखोरों को होने वाला नुकसान कम हो सके। बरसात के दौरान ग्राहक भी मंडी में नही पहुंचता। मंडी में बिक्री 60 प्रतिशत तक जाती  है। बरसात होते ही मंडी में जल भराव हो जाता है। आने-जाने का रास्ता नहीं बचता। मंडी में गंदगी फैलने की वजह से बीमारियां फैलने का रहता  है। पानी निकासी के लिए एक पंप सेट लगाया गया है। लेकिन सीवरेज लाइन की सही सफाई न होने के कारण पानी निकालने में काफी परेशानी होती है। प्रशासन को पानी निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए।

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