इंडिया न्यूज,नई दिल्ली(MP Kartik Sharma asked this question in public interest on plastic packaging of food):
भोजन की पैकिंग के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग के बढ़ते उपयोग को लेकर सांसद कार्तिक शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लिखित उत्तर में बताया गया कि 16 फरवरी 2022 को अधिसूचित प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व पर दिशानिर्देशों के अनुसार, वर्तमान में कुल 6186 उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों को प्लास्टिक पर केंद्रीकृत ऑनलाइन विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। पंजीकृत पीआईबीओ के पास वर्ष 2022-23 के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के तहत संचयी रूप से लगभग 2.32 मिलियन टन प्लास्टिक पैकेजिंग शामिल है, जिसमें भोजन की पैकिंग के लिए उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक पैकेजिंग भी शामिल है।
वहीं सांसद कार्तिक शर्मा ने प्लास्टिक पैकेजिंग के उपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा। इस पर मंत्रालय ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान आधारित मानकों को निर्धारित करता है। मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए और उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने और उससे जुड़े मामलों या प्रासंगिक मामलों के लिए निर्धारित करता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम, 2018 को अधिसूचित किया है, जो सामान्य और विशिष्ट आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
प्लास्टिक सहित विभिन्न खाद्य पैकेजिंग सामग्री के लिए। ये नियम यह भी निर्दिष्ट करते हैं कि कागज, कांच, धातु और प्लास्टिक सामग्री, यदि खाद्य सामग्री की पैकेजिंग के लिए उपयोग की जाती है, तो जीएमपी और विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार निर्मित की जाएगी। इसके अलावा, प्लास्टिक मूल की पैकेजिंग सामग्री के लिए निर्धारित समग्र प्रवासन सीमा और विशिष्ट प्रवासन सीमा को पार करना आवश्यक है।
FSSAI द्वारा खाद्य और पेय उद्योग को अपने प्लास्टिक फुट प्रिंट को कम करने में सक्षम बनाने के लिए निम्नलिखित नियामक उपाय किए गए हैं
खाद्य संपर्क सामग्री के रूप में बांस के उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए। कुछ शर्तों के अधीन होटल परिसर के भीतर कैप्टिव उपयोग के लिए पेपर-सील पुन: प्रयोज्य कांच की बोतलों में पीने के पानी की अनुमति दी गई। कृत्रिम रूप से मीठे पेय पदार्थों की पैकेजिंग के लिए वापसी योग्य बोतलों के उपयोग पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। पीने के पानी की पैकेजिंग के दौरान पीईटी बोतलों में तरल नाइट्रोजन की खुराक के उपयोग की अनुमति दी। पीने के पानी की पैकेजिंग के लिए अन्य खाद्य ग्रेड पैकेजिंग सामग्री के उपयोग की अनुमति दी। ईट राइट इंडिया पहल के हिस्से के रूप में बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग को बढ़ावा दिया और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए खाद्य व्यवसाय को प्रोत्साहित किया।
सांसद कार्तिक शर्मा ने पूछा कि क्या सरकार ने आम जनता को इसके नुकसानों से अवगत कराने के लिए कोई जागरूकता अभियान चलाया है। मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से केंद्र सरकार प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन पर जन जागरूकता पैदा करने में शामिल रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 5 अप्रैल 2022 को प्रकृति- शुभंकर लॉन्च किया था। तीन एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन पर प्रकृति के वीडियो बनाए गए हैं। इन वीडियो का 19 भाषाओं में अनुवाद किया गया है और आगे प्रसार के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है। सभी सूचना सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सभी जागरूकता सामग्री के साथ एक समर्पित वेब पेज बनाया गया है।
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