इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़(MP Kartik Sharma raised the issue of workers): युवा सांसद कार्तिक शर्मा लगातार सदन में समाज के हर वर्ग के मुद्दा उठा रहे हैं ताकि इनका समय पर समाधान हो सके और लोगों को राहत मिल सके। इसी कड़ी में उन्होंने गिग कामगारों (जो व्यक्ति काम करता है या काम की व्यवस्था में भाग लेता है व परंपरागत नियोक्ता कर्मचारी संबंध बाहर ऐसी गतिविधियों से अर्जन करता है) को लेकर सवाल पूछा कि इनको असंगठित श्रमिकों में वर्गीकृत नहीं किए जाने के पीछे क्या कारण हैं और उनके भावी अधिकारों की रक्षा के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं। साथ ही कार्तिक शर्मा ने पूछा कि क्या उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई शिकायत निवारण विकसित किया गया है और कामगारों की तुलना में नौकरी की सुरक्षा के लिए निजी कंपनियों में क्या सुव्यवस्थित दिशा निर्देश हैं।
इसको लेकर श्रम व रोजगार कार्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जवाब में कहा कि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की परिकल्पना की गई है कि समुचित सरकार असंगठित कामगारों, गिग कामगारों और प्लेटफॉर्म कामगारों के लिए एक टोल फ्री कॉल सेंटर या हेल्पलाइन या ऐसे सुविधा केंद्र स्थापित करे ताकि समय समय पर उनकी जरुरत के अनुसार उपलब्ध सामाजिक सुरक्षा योजनाओं संबंधी सूचना का प्रसार करने, उनके पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र दाखिल करने, और पंजीकरण में उनकी करने में भूमिका निभाए। आगे बताया गया कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 केंद्र सरकार को गिग श्रमिकों के लिए निगम द्वारा स्वीकार्य लाभ प्रदान करने के लिए योजना बनाने और एक टॉल फ्री हेल्पलाइन या कोई सुविधा केंद्र स्थापित करने और असंगठित कामगारों के लिए पंजीकरण आदि के समर्थ बनाती है। इसके अलावा उनके लिए दुर्धटना बीमा, स्वास्थ्य व प्रसूति लाभ और बुढापे में उनके संरक्षण व सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं बनाने की परिकल्पना भी की गई है। तथापि गिग और प्लेटफॉर्म कामगार से संबंधित संहिता के तहत उपबंधों के लागू न होेने कारण किसी भी योजना को अंतिम रुप नहीं दिया जा सकता है।