वहीं इसका जवाब देते हुए केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि गैर- मोटरीकृत परिवहन को बढ़ावा देने सहित शहरी परिवहन प्रणाली की योजना, निगरानी, प्रबंधन और कार्यान्वयन की पहल राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों/शहरी स्थानीय निकायों द्वारा की जाती है। गत तीन वर्षों के दौरान हरियाणा में गैर मोटरीकृत परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा कोई फंड जारी नहीं किया गया था।
भारत सरकार 20,000 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता से शहरी क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधित विकास और पीपीपी मॉडल पर इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल करके बस संचालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 16 अगस्त 2023 को “पीएम ईबस सेवा योजना” की शुरुआत की है। 2011 की जनगणना के अनुसार 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर, जिनमें हरियाणा के 7 शहर (फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर) शामिल हैं, जो इस योजना के लिए पात्र हैं। योजना के तहत मंत्रालय द्वारा उक्त 7 शहरों के लिए 450 ई-बर्से स्वीकृत की गई हैं। इसका अलावा सरकार ने हरियाणा राज्य के गुरुग्राम शहर के लिए 28.50 कि.मी. की कुल लंबाई वाली मेट्रो परियोजना को मंजूरी दे दी है। हरियाणा में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के तहत अन्य परिचालन मेट्रो नेटवर्क का विवरण अनुलग्नक। में दिया गया है।
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