India News, इंडिया न्यूज, Haryana Mustard, चंडीगढ़ : नैफेड का प्रदेशभर में अपना निर्धारित 25% सरसों एमएसपी पर लेने का कोटा पूरा होने के बाद अब सरकारी खरीद बंद कर दी गई है जिसके बाद प्रदेशभर की मंडियों में किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भिवानी की ढिगावा मंडी की बात करें तो यहां किसानों ने सरसों खरीद के टोकन न देने पर दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। वहीं कई अन्य मंडियों में भी सरसों की खरीद बंद होने के कारण किसान परेशान हैं।
अब हैफेड मंडियों में किसानों की सरसों की कॉमर्शियल खरीद कराएगा। कॉमर्शियल खरीद में किसानों को एमएसपी तो मिलेगा, लेकिन तेल की धार अगर फसल में कम है तो उस पर भी दाम कटेंगे। जिसका घाटा किसान को झेलना पड़ेगा। मंडियों में बारदाना की भी दिक्कत है। आवक के मुकाबले बहुत कम बारदाना बचा है।
अब मंडियों में खरीद होने वाली सरसों में प्रति क्विंटल 38 किलोग्राम तेल की मात्रा का आकलन होगा, जबकि पहले एमएसपी पर 33 किलोग्राम तेल वाली सरसों भी किसानों से खरीद कर ली गई। नमी का पैमाना भी अब 12% की बजाय छह से 8% ही रहेगा। इससे ज्यादा नमी है तो फिर किसानों की फसल के एमएसपी से दाम कटेंगे। वहीं मौसम से प्रभावित फसल पर भी किसानों को मंडी में सरकारी खरीद में भी नुकसान झेलना पड़ेगा।
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