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NASSCOM की 75 प्रतिशत आरक्षण पर हरियाणा सरकार से अपील

• LAST UPDATED : March 23, 2021

गुरुग्राम/देवेंद्र भारद्वाज

हरियाणा सरकार के 75 प्रतिशत आरक्षण कानून को लेकर आईटी (IT) और बीपीओ(BPO) सेक्टर में नैसकॉम के प्रतिनिधि विनोद सूद ने नाराजगी व्यक्त की है, दरअसल NASSCOM ने मनोहर सरकार को आरक्षण मुद्दे पर अपील की है कि अगर जल्द 75 प्रतिशत आरक्षण को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ तो 400 से 500 कम्पनियां जिसमे आईटी बीपीओ ऑटो मोबाइल सेक्टर या गारमेंट उद्योग शामिल हैं कंपनियां गुरुग्राम या अन्य जिलों से पलायन कर नोयडा,राजस्थान या अन्य राज्यों का रुख कर सकती हैं।

NASSCOM के प्रतिनिधि विनोद सूद की राय

इस मामले में NASSCOM के प्रतिनिधि विनोद सूद की माने तो इन तमाम पयालन करने वाली कंपनियों में 4 से 5 लाख कमर्चारी काम करते हैं, ऐसे में सरकार को इस बारे में फिर से विचार कर आरक्षण को खत्म करने की दिशा में काम करना होगा, वहीं इस मामले में नैस्कॉम के प्रतिनिधि की माने तो 75 प्रतिशत आरक्षण को लेकर एक सर्वे भी करवाया गया, जिसमें 75 कंपनियों ने हिस्सा लिया जिनमे करीब डेढ़ लाख से 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं, इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस कानून को नकारात्मक सोच वाला राजनैतिक फैसला बताया है, नैस्कॉम के प्रतिनिधि ने कहा गुरुग्राम आईटी और बीपीओ की कैपिटल मानी जाती रही है, और ऐसा नहीं है कि आईटी और बीपीओ सेक्टर के गुरुग्राम से पलायन करने पर इन्ही सेक्टर्स के क्षेत्र में नौकरियों को नुकसान पहुंचेगा बल्कि ट्रांसपोर्टेशन,हाउसकीपिंग,कैफेटेरिया सर्विसेज,सिक्योरिटी सर्विसेज जैसी नौकरियों को भी प्रभावित करेगा।

कर सकती हैं कंपनियां पलायन

भारत में तकरीबन 180 बिलियन डॉलर का  IT BPM उद्योग बिजेनस करती है, एक ऐसा उद्योग जिसने भारत के GDP, निर्यात, रोजगार, बुनियादी ढांचे और वैश्विक दृश्यता में अभूतपूर्व योगदान देती आ रही है और भारत में, यह उद्योग निजी क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है, अब ऐसे में अगर सरकार का ये फैसला आईटी इंडस्ट्री को रास नहीं आ रहा है, Nasscom के सर्वे में भाग लेने वाली 60 आईटी कंपनियां पलायन करने का दावा कर रही हैं जबकि ऐसे ही बहुत से BPO भी पलायन का मन बना चुके हैं, इससे पहले ऑटो और गारमेंट उद्योग भी यही बात कह चुका है, ऑटो गारमेंट और आईटी बीपीओ के सभी कंपनियां मिला ली जाएं तो करीब 500 ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें करीब 4 से 5 लाख लोग काम करते हैं  वो हरियाणा सरकार के इस फैसले से नाखुश हो कर गुरुग्राम से पलायन का दावा कर रही हैं।