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National Level Kisan Mahapanchayat : टोहाना किसानों की राष्ट्र स्तरीय महापंचायत 4 जनवरी को टोहाना अनाज मंडी में

BY: • LAST UPDATED : December 28, 2024

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  • केंद्र सरकार द्वारा कई जा रही नई कृषि नीति के खिलाफ होगी महापंचायत
  • भाकियू प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर घासी राम नैन ने ली जिला स्तरीय किसान नेताओं की बैठक

India News Haryana (इंडिया न्यूज), National Level Kisan Mahapanchayat : केंद्र सरकार किसानों को बर्बाद करने के उद्देश्य से तीन कृषि कानून से भी खतरनाक नई कृषि नीति लेकर आ रही है जिससे अनाज मंडिया तबाह हो जाएगी। इसी के विरोध में 4 जनवरी को टोहाना की अनाज मंडी में संयुक्त राष्ट्रीय किसान मोर्चा के विभिन्न तले महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।

यह बात भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर घासीराम ने टोहाना में पत्रकारों से बातचीत में कहीं। इससे पहले जोगिंदर घासीराम नैन ने भारतीय किसान यूनियन की जिला स्तरीय बैठक को संबोधित किया तथा 4 जनवरी को टोहाना में होने वाली महापंचायत में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया।

National Level Kisan Mahapanchayat : सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी सुध लेने के लिए नहीं आया

जोगिंदर घासीराम ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने लंबे किसान आंदोलन के बाद तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था, लेकिन अब ये कृषि नीति बहुत ज्यादा घातक है। नैन ने कहा कि पिछले करीबन 32 दिन से किसान नेता जगजीत सिंह भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है यदि कोई कुत्ता बीमार हो जाता है तो केंद्र सरकार के मंत्री भी चले जाते हैं लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी सुध लेने के लिए नहीं आया है, यह बहुत ही निंदनीय बात है।

केंद्र सरकार अपने वायदे से मुकर रही

उन्होंने कहा कि जब नायब सैनी सरकार में आए तो किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदने का दावा करते थे लेकिन टोहाना सहित प्रदेश की अनेक मंडियों में किसानों की धान की फसल का एमएसपी रेट 2320 रुपए नहीं मिला, इससे सरकार के दावो की पोल खुल रही है।

जोगिंदर नैन ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों पर सुध लेनी चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार अपने वायदे से मुकर रही है और तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद नई कृषि नीति लेकर आ रही है, जो किसानों के लिए पूरी तरह से घातक साबित होगी। इस नीति को किसान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार कॉरपोरेट घरानों की सरकार है जिनके कहने पर सब कार्य करती है लेकिन किसान इसको सहन नहीं करेंगे।

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