India News Haryana (इंडिया न्यूज), National Lok Adalat: हरियाणा में शनिवार को तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के सभी 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में 4 लाख से अधिक मामलों का समाधान किया गया। इस लोक अदालत का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के दिशा-निर्देशन में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, हरियाणा के जिलों और उप-मंडलों में कुल 167 पीठों का गठन किया गया, जो विभिन्न प्रकार के विवादों जैसे दीवानी मामलों, मोटर दुर्घटना दावों, वैवाहिक विवादों, बैंक वसूली, ट्रैफिक चालान और चेक बाउंस के मामलों का निपटारा करने में लगीं। इन पीठों ने 4.50 लाख से अधिक मामलों को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए सुना।
करनाल में एक प्रमुख मामला सामने आया, जिसमें तलाक की कगार पर खड़े एक दांपत्य जोड़े ने लोक अदालत के माध्यम से सुलह कर ली। पति ने तलाक की अर्जी दी थी, लेकिन लोक अदालत में बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में समझने के बाद उसने अपनी अर्जी वापस ले ली।
यह घटना दर्शाती है कि लोक अदालतें केवल कानूनी विवादों को हल नहीं करतीं, बल्कि व्यक्तिगत और पारिवारिक मतभेदों को भी सुलझाने में मदद करती हैं और परिवारों के बीच शांति बनाए रखती हैं। इस लोक अदालत का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश शील नागू किया गया।