डॉ रविंद्र मलिक, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Analysis Of Haryana Politics : हरियाणा राजनीतिक और भौगोलिक रूप से बेहद छोटा राज्य हो लेकिन प्रदेश के गठन के बाद अलग राज्य के रूप में 58 साल के इतिहास में प्रदेश में कई ऐसे घटनाक्रम आए जिनकी चर्चा और गूंज पूरे देश में सुनाई दी। देश की राजधानी दिल्ली से सटा होने के चलते हरियाणा हर लिहाज से निरंतर चर्चा में रहता है और यहां के राजनीतिक घटनाक्रम तो कई बार हर किसी का ध्यान आकर्षित करते हैं।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं तो ऐसे में सब की नजरे प्रदेश की राजनीति पर टिकी हुई हैं।प्रदेश के राजनीतिक इतिहास से पता चलता है कि यहां अब तक करीब 6 दशक के समय में अलग-अलग पार्टियों से 11 मुख्यमंत्री चुनकर आए हैं। जिनमें से कई तो दो या तीन या फिर ओपी चौटाला तो चार बार भी चुने गए हैं।
अब तक कोई भी राजनीतिक दल जीत की हैट्रिक नहीं लगा सका है। ऐसे में अब 5 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अहम बात यह होगी कि सत्ताधारी भाजपा क्या लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होकर नया रिकॉर्ड कायम करती है या फिर हरियाणा का पुराना सियासी रिकॉर्ड बरकरार रहता है। इसके अलावा यह देखना भी अहम होगा क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस की सरकार आने पर तीसरी दफा सीएम बन पाएंगे
हरियाणा के राजनीतिक इतिहास से पता चलता है कि प्रदेश में अलग-अलग पार्टियों के कई ऐसे नेता रहे जिन्होंने लगातार दो-दो बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई। इनमें चौ. बंसीलाल, चौ. भजनलाल, चौ. ओमप्रकाश चौटाला, चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा एवं मनोहर लाल खट्टर लगातार 2-2 बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
उपरोक्त में से हुड्डा दो दफा कांग्रेस की सरकार में दो सीएम रहे तो वहीं फिलहाल हरियाणा में राज कर रही भगवा पार्टी भाजपा से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर दो बार सीएम रह चुके हैं। इनके अलावा करीब दो दशक से सत्ता से दूर और कभी हरियाणा में एक तरफा होल्ड वाली इनेलो से पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस लिहाज से लगातार 2 बार प्रदेश में कांग्रेस, इनैलो व भाजपा की सरकारें बनी हैं।
हरियाणा में लगातार दो बार सीएम बनने वाले किसी भी नेता के नाम सबसे अधिक लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम है। हुड्डा 5 मार्च 2005 से लेकर 26 अक्टूबर 2014 तक 9 साल 235 दिन की रिकॉर्ड अवधि तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। हुड्डा के बाद सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का रिकॉर्ड केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के नाम है जो 26 अक्टूबर 2014 से 12 मार्च 2024 यानी की 9 साल 138 दिन की अवधि तक पद पर रहे।
सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने के रिकॉर्ड के मामले में तीसरे स्थान पर चौधरी बंसीलाल हैं जो की 21 मई 1968 से लेकर 30 मार्च 1975 तक 7 साल 194 दिन की अवधि तक सीएम पद पर बने रहे। सबसे ज्यादा लंबे समय तक सीएम पद पर रहने के मामले में चौथे स्थान पर चौधरी भजनलाल है जो 28 जून 1979 से लेकर 4 जून 1986 तक 6 साल 342 दिन की अवधि तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। और इसी कड़ी में पांचवें पायदान पर इनेलो सुप्रीम में ओपी चौटाला है जो 24 जुलाई 1999 से लेकर 5 मार्च 2005 तक 5 साल 224 दिन की अवधि तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
1966 में हरियाणा के गठन के साथ हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भगवत दयाल शर्मा को सीएम बनाया था। इनके बाद राव बीरेंद्र सिंह की पद पर ताजपोशी हुई। फिर वर्ष 1968 में बंसीलाल सीएम बने और 1975 तक प्रदेश के सीएम रहे। उनके बाद बनारसी दास गुप्ता 1977 तक यहां के सीएम रहे। फिर देवी लाल कुर्सी पर काबिज हुए तो एक बार फिर भजनलाल 1979 से 1986 तक सीएम रहे। इनके बाद बंसी लाल और ओपी चौटाला की ताजपोशी हुई तो वर्ष 1991 में तीसरी बार फिर से भजनलाल ने ही बागडोर संभाली।
इनके जाने के बाद फिर बीच में ओपी चौटाला और हुकम सिंह मुख्यमंत्री बने। 2005 से अक्टूबर 2014 तक तक कांग्रेस का शासन ही रहा और लगातार दस साल तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रह कर भुपेन्द्र सिंह हुड्डा ने एक बार में सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद भाजपा सरकार में मनोहर लाल करीब साढ़े 9 साल के लिए हरियाणा के सीएम रहे तो वही फिलहाल प्रदेश की कमान भाजपा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास है।
महज 10 लोकसभा और 90 विधानसभा क्षेत्र वाला हरियाणा और राजनीतिक रूप से बेशक छोटा राज्य हो लेकिन यहां जब भी राजनीतिक उठा पटक हुई तो उसकी चर्चा पूरे देश में हुई। साल 1966 में पंजाब से अलगाव के बाद प्रदेश के गठन के साथ ही यहां कई बार राजनीतिक अस्थिरता का माहौल रहा है। अब तक इस प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। पहली बार गठन के करीब डेढ़ साल 22 मई 1968 तक राष्ट्रपति शासन रहा। इसके बाद 30 अप्रैल 1977 से जून 21 1977 तक राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
तीसरी बार 6 अप्रैल 1991 से 29 जुलाई 1991 तक राष्ट्रपति शासन रहा। वहीं इसी कड़ी में यह भी बता दें कि इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला प्रदेश के गठन के बाद अब तक सबसे कम दिन तक कम रहने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। चौटाला ने 1990 में सबसे कम दिन के मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। 12 से 17 जुलाई 1990 तक वह सिर्फ छह दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद बनारसी दास गुप्ता को शपथ दिलाई गई, जो 52 दिन मुख्यमंत्री रहे। 22 मार्च से 6 अप्रैल 1991 तक चौटाला फिर मुख्यमंत्री रहे।
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