कैथल/मनोज मलिक
नेशनल हेल्थ मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) को सिविल सर्जन ने बुधवार को टर्मिनेट कर दिया… सीएम विंडो पर शिकायत के बाद मामले की जांच पूरी करने के बाद तीन मार्च को एसडीएम संजय कुमार ने डीपीएम को टर्मिनेट करने की सिफारिश की थी… एसडीएम के टर्मिनेट करने की सिफारिश के बाद सिविल सर्जन ने एनएचएम एमडी को पत्र लिख मार्गदर्शन मांगा था… अब सिविल सर्जन ने कार्रवाई करते हुए डीपीएम को टर्मिनेट कर दिया है।
डीपीएम पिछले 12 वर्षों से इस पद पर तैनात था… गांव रसूलपुर निवासी जयपाल ने 9 फरवरी को एनएचएम नियमों की उल्लंघना की… और नौकरी में बने रहने की शिकायत की थी… शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे कि डीपीएम पर 2016 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था… और डीपीएम ने कांट्रेक्ट रिन्युअल में यह बातें छिपाई थीं… सिविल सर्जन डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि एसडीएम की सिफारिश के बाद एमडी एनएचएम से मार्गदर्शन मांगा था…. आदेशानुसार अब कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए टर्मिनेट कर दिया… इससे पहले भी ये कर्मचारी टर्मिनेट हो चुके हैं।
एनएचएम भर्ती में फर्जीवाड़े की आशंका के चलते अनुबंध आधार पर लगे सभी 519 कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच विभाग कर रहा है… अब तक जांच में डीपीएम के अलावा चार कर्मचारी टर्मिनेट हो चुके हैं… सिविल सर्जन ने 8 मार्च को पुराने अस्पताल में स्वीपर कम अटेंडेंट के पद पर 2019 से कार्य कर रही कर्मचारी पूनम को शक्ति नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वीपर कम अटेंडेंट अंगूरी देवी… और उसके बाद 17 मार्च को सिविल सर्जन ने नौकरी में रहते हुए पंजाब की एक यूनिवर्सिटी से रेगुलर नर्सिंग में बीएएसी करने… और एक साथ दोनों जगहों पर हाजिरी लगाने की दोषी पाए जाने पर स्टाफ नर्स प्रियंका को टर्मिनेट कर दिया था… वहीं जिला अस्पताल में डीआईसी पद पर कार्य करने वाले विरेंद्र सिंह मामला उजागर होते ही कार्रवाई से दो माहीने पहले ही रिजाइन कर चुके थे।