चंडीगढ़/ विपिन परमार
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस ने सदन के पटल पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. शेड्यूल के मुताबिक कांग्रेस की ओर से पेश किए अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे पहले नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने अपनी बात रखी. किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष-विपक्ष खुलकर आमने सामने नजर आए. जहां सत्ता पक्ष सरकार के बचाव में अपने काम और उपलब्धियां गिनाता रहा तो वहीं विपक्ष ने सरकार की कमियों और कृषि कानूनों पर किसानों के साथ सरकार के बर्ताव को लेकर हमला बोला.
कौन किसान के साथ, कौन कुर्सी के साथ ?
कांग्रेसी विधायक रघुबीर कादियान ने कहा ये अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाये हैं, क्योंकि जनता सरकार पर विश्वास नहीं करती है. कादयान ने कहा कि अविश्वास का आधार किसान के आंसू हैं, जो प्रताड़ना के प्रतीक बने हैं. अविश्वास का मकसद है कौन किसान के साथ है, कौन कुर्सी के साथ. दूध का दूध और पानी का पानी होगा. प्रदेश में मंत्रियों और सरकार के नुमाइंदो का विरोध हो रहा है. काले झंडे, बैनर पोस्टर लगाए जा रहे हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर किसान विधायकों की कोठियों में जाकर समर्थन मांग रहे हैं. बीजेपी के नेता इसे जातिगत रंग देने में लगे हैं. आज लोकतंत्र कोठियों में बंद
‘किसान आतंकी’ पर कंवरपाल का जवाब
अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हम पर आरोप लगे हैं कि हमने किसानों को खालिस्तानी, आतंकी कहा. आप बताओ ये सब किसने कहा ? कंवरपाल गुर्जर ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसान मर रहे थे तब आपने उनसे कोई अपील नही की घर जाओ. विपक्ष का टारगेट कानून नहीं थे, टारगेट कुछ और था. कंवरपाल ने कहा कि सरकार पर लाठीचार्ज का आरोप लगा तो प्रूफ दीजिए लाठीचार्ज कहां हुआ. उन्होंने कहा कि आपके और हमारे आंकड़े उठाकर देखिए फसल खरीद का अंतर पता चल जाएगा. कैमला का जिक्र करते हुए कंवरपाल ने कहा कि हमारे पास हजारों पुलिस के जवान थे, षड्यंत्रकारी 200 लेकिन हमने जो वो चाहते थे वो कार्रवाई नहीं की.
सरकार की उपलब्धियां दरकिनार कर रखी है
जेजेपी विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि सरकार की उपलब्धियां दरकिनार कर रखी है. बस एक ही बात उठा रखी है गांव में जाकर दिखा दो, कोई मर जाए तो उसके घर जा के दिखा दो, ऐसे शब्द कहे जा रहे जो कि निंदनीय है. क्या हम किसान नही है आज किसान की परिभाषा बदल कर यही कर दिया है कि हम ही किसान हैं ये गलत है. अविश्वास प्रस्ताव गलत लाया गया. मैं इसका समर्थन नही करता हूं
नयनपाल के ‘असली–नकली’ पर सदन में बवाल
निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत के बयान पर सदन में हंगामा हो गया. यह कृषि कानून किसानों के हित में है. जो कानूनों का विरोध कांग्रेस के लोग कर रहे हैं इनके खुद के दामन खून से सने हैं. कृषि कानूनों पर बोलते हुए सीएम की तारीफ में नयनपाल रावत कुछ ऐसा बोल गए जिस पर कांग्रेस को एतराज हो गया. हालांकि रावत के उस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया.
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