India News Haryana (इंडिया न्यूज), High Court: इस समय AI का इस्तेमाल पूरी दुनिया कर रही है। AI एक ऐसी तकनीक है जो हर एक सवाल का जवाब देने के लिए सक्षम है। अब AI का इस्तेमाल आम जनता के साथ साथ उच्च न्यायालय भी करने लगा है। एक ऐसा ही मामला हरियाणा पंजाब उच्च न्यायालय से सामने आया है। दरअसल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशन चैट जीपीटी की हेल्प ली ताकि यह समझा जा सके कि डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम विवादित संपत्ति का पता लगाने या सीमांकन करने में कैसे मदद करता है।
Hisar Airport : उड़ानें जल्द होंगी शुरू, हरियाणा सरकार ने लाइसेंस के लिए की केंद्र से मांग
आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये मामला एक संपत्ति विवाद से जुड़ा है, जिसमें संपत्ति के आकार पर सवाल था। इस पर न्यायालय ने कहा कि स्थानीय आयुक्त ने DGPS की मदद से संपत्ति का सीमांकन किया था। इसके अलावा HC ने कहा कि “चैट जीपीटी की मदद से कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सहायता से, विवादित संपत्ति का पता लगाने या सीमांकन करने में डीजीपीएस प्रणाली की प्रभावकारिता के बारे में सवाल उठाया।
न्यायाधीश ने कहा कि संपत्ति को मापने, उसका पता लगाने या सीमांकन करने के लिए डीजीपीएस की प्रणाली आधुनिक तकनीक है और समय बीतने के साथ, तीन पक्के बिंदुओं की मदद से संपत्ति का सीमांकन करने की पुरानी तकनीक को आधुनिक तकनीक के लिए रास्ता देना होगा, जो संपत्ति को सटीकता के साथ मापने और सीमांकन करने में मदद करती है। न्यायालय ने पाया कि स्थानीय आयुक्त ने विवादित संपत्ति का सटीक क्षेत्रफल 483.10 वर्ग गज पाया है, जो पहले की रिपोर्टों से थोड़ा अलग है।