India News Haryana (इंडिया न्यूज), Good News For Patwaris : अब पटवारी की ट्रेनिंग के लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा..तो कहां और कैसे होगी ट्रेनिंग, पढ़े पूरी ख़बर हरियाणा के नव निर्वाचित पटवारियों के लिए खुशखबरी है कि अब पटवारी की ट्रेनिंग के लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। हरियाणा सरकार ने हर जिले में पटवारी ट्रेनिंग स्कूल खोलने का फैसला लिया है।
ऐसे में जब प्रदेश के हर जिले में पटवार ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे तो पटवारी अब अपने ही जिले में ट्रेनिंग ले सकेंगे। पटवारियों की ट्रेनिंग एक साल तक चलेगी। पटवारियों को 1 साल की अवधि में अपनी ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। इस कदम से न केवल प्रशिक्षण प्रक्रिया आसान होगी बल्कि पटवारियों को अपने जिले में ही रहकर प्रशिक्षित होने का लाभ मिलेगा।
पटवार ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए लैंड रिकॉर्ड विभाग के निदेशक की ओर से सभी डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि पटवारियों को ट्रेनिंग देने के लिए सभी जिलों में ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएं, इसलिए जहाँ भी स्कूल खोलना हैं उस लोकेशन की जानकारी दें। बता दें कि हाल ही में सरकार ने 2702 नए पटवारियों की भर्ती की है। इन ट्रेनिंग स्कूलों के माध्यम से उन्हें क्षेत्र से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण और जानकारी दी जाएगी। सरकार के इस फैसले को नए पटवारियों ने सराहा है। यह कदम प्रशिक्षण को सहज और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हरियाणा में भर्ती होने वाले पटवारियों को उर्दू और लैंड रिकॉर्ड मैनुअल पढ़ाने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए फिलहाल राज्य में दो ट्रेनिंग स्कूल हैं। इन ट्रेनिंग स्कूलों में राज्य में चयनित 2713 पटवारियों को शिफ्ट में अलग-अलग ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां उन्हें छह अलग-अलग विषय पढ़ाए जाएंगे। गणित, बेसिक हिंदी, उर्दू, कंप्यूटर, लैंड रिकॉर्ड मैनुअल के अलावा जमीन से जुड़े अलग-अलग एक्ट पढ़ाए जाएंगे।
पेपर भी लिए जाएंगे, जिन्हें पास करने के बाद ही स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर स्टेशन अलॉट भी किए जाएंगे। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पिछले महीने सरकार ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट में पटवारियों की भर्ती की है। पटवारियों के साथ-साथ ग्राम सचिव, क्लर्क समेत कई पदों पर भर्ती की गई है। सभी कर्मचारियों को स्टेशन अलॉट किए जा चुके हैं। रेवेन्यू पटवारी ने पंचकूला में ज्वाइन कर लिया है। ज्वाइन करने के बाद अब ट्रेनिंग का काम शुरू हो गया है।
राजस्व विभाग में पुराने रिकॉर्ड उर्दू में ही हैं। जमीन से जुड़े पुराने कामों के लिए उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। राजस्व पटवारी के अधिकतर कामों के लिए उर्दू शब्दों का इस्तेमाल होता है, जिसमें बड़ी देह, मौजा, हदबस्त, मिसाल हकीकत, जमाबंदी, इंतकाल, खसरा गिरदावरी, शजरा नसाब और पैमाइश समेत 150 से ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल आज भी पटवारी अपने काम में करते हैं। ऐसे में नए अभ्यर्थियों को उर्दू का ज्ञान देने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।
राजस्व विभाग में कार्यरत वरिष्ठ कानूनगो बलबीर का कहना है कि पहले प्रदेश में 5 ट्रेनिंग स्कूल थे। अब हिसार और पंचकूला में सिर्फ 2 ट्रेनिंग स्कूल हैं। ऐसे में अब सरकार द्वारा हर जिले में पटवार स्कूल खोले जाने का फैसला लिया गया है। प्रशिक्षण इसी माह में जड़ शुरू होने वाला है और इसके लिए जल्द ही कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
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