प्रदेश की बड़ी खबरें

Jind News : साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालु करेंगे पितृ तर्पण, पिंडारा तीर्थ पर उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासन ने की व्यवस्था

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind News : साल की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर सोमवार को पड़ रही है। सोमवार को होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्रती को अखंड सौभाग्य, खुशहाली और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

सोमवती अमावस्या पर पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु सरोवर में स्नान कर तर्पण करेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर रखी हैं। स्पेशल पुलिसकर्मियों की डयूटी लगाई गई हैं। वहीं वालेंटियर व श्रद्धालु व्यवस्था की कमान संभालेंगे। जींद-गोहाना मार्ग पर जाम की स्थिति न रहे, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस भी कमान संभाले रहेगी।

Jind News : यह रहेगी सोमवती अमवस्या की पूजा-विधि

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का विशेष महत्व रहता है। अगर सरोवर या नदी में स्नान नहीं किया जा सकता है तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के पश्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्जवलि करें। सूर्य देव को अध्र्य दें।

अगर उपवास रख सकते हैं तो अवश्य रखें। पितरों के निमित्त तर्पण और दान अवश्य करें। अपने ईष्ट देव का अधिक से अधिक ध्यान करें। शास्त्री ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या पर तर्पण से पूर्वजों की कृपा से परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है। इसके अलावा सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

पिंडारा तीर्थ का यह है महत्व

पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किदवंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के लोग श्रद्धालु आते हैं।

Bibi Ravinder Kaur Ajarana : शहीदी दिहाड़ों के चलते पूर्ण सादगी से भरा बीबी रविंदर कौर अजराना ने नामांकन पत्र

Late Om Prakash Chautala की अस्थि कलश यात्रा पहुंची जींद, कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

Anurekha Lambra

Share
Published by
Anurekha Lambra

Recent Posts

Good News For Players : खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने का एक और मौका, जानें किन खिलाड़ियों के लिए है ये ऑफर 

राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के पदक विजेता कर सकते हैं आवेदन India News Haryana…

25 mins ago

Minister Anil Vij के निजी सहायक सुनील कुमार बने निजी सचिव, 2019 से अनिल विज के साथ

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Minister Anil Vij : हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से ऊर्जा,…

2 hours ago

Kumari Selja ने नए साल पर सरकार को दी सलाह, जनता को ‘ये बड़ा तोहफा’ देने की अपील 

नए साल में जनता से किए गए वायदों को पूरा करने का संकल्प ले भाजपा…

2 hours ago

Haryana News : हरियाणा सांगी कलाकार जल्द करें ‘इस पुरस्कार’ के लिए आवेदन, जानें शर्तें और प्रक्रिया

धनपत सिंह सांगी स्मृति अवार्ड के लिए 6 जनवरी तक करें आवेदन धनपत सिंह सांगी…

3 hours ago