Online Teacher Transfer : ऑनलाइन स्थानांतरण के बाद अब बदली-बदली नजर आएगी हरियाणा के स्कूलों की तस्वीर

पवन शर्मा, Haryana News (Online Teacher Transfer): हरियाणा में ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण के मामले में भले ही शिक्षक संगठन या विपक्ष घमासान मचाए हुए हों, मगर जल्द स्थानांतरण नीति के सुखद परिणाम सामने आने की संभावनाएं हैं।

बड़ी संख्या में हुए तबादलों के बाद प्रत्येक स्कूल में न केवल सभी विद्यार्थियों को अध्यापक मिलेंगे, बल्कि सभी अध्यापकों को भी अब प्रत्येक सप्ताह में कम से कम 36 पीरियड भी लेना अनिवार्य होगा। स्थानांतरण से प्रभाावित हुए 8000 गेस्ट टीचर्स को भी स्टेशन मिलेंगे, जिसके बाद खाली हुए स्कूलों की समस्या का भी समाधान हो सकेगा।

इतनी आसान नहीं रही ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया

शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने दिन-रात जागकर ऑनलाइन स्थानांंतरण प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाया है। सबसे बड़ी बात यह थी कि जिस कंपनी के पास विभाग के ऑनलाइन स्थानांंतरण का कार्य था, उसको एकाएक खामियों के चलते इस कार्य से हटा दिया गया। नए सिरे से डाटा फीड किया गया। कार्य को अंजाम देने के लिए अधिकतर नए कर्मचारी थे। इतना ही नहीं, बड़े लेवल के भी अधिकारियों को विभाग का अनुभव नहीं था, मगर दिन रात कार्य करने के बाद यह संभव हो सका।

2300 अध्यापक पढ़ाते थे दिन में केवल दो पीरियड

प्रदेश भर के स्कूलों में 2300 पीजीटी अध्यापक ऐसे थे जो केवल प्रतिदिन दो पीरियड ही लेते थे। ऐसे में ऐसी पॉलिसी तैयार की गई है, जिससे अब प्रति सप्ताह प्रत्येक अध्यापक को अब कम से कम 36 पीरियड लेने होंगे। ऐसे में इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। माना जा रहा है कि प्रदेश की स्थानांतरण पॉलिसी दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बनी हुई है। उत्तराखंड सहित दूसरे राज्यों के शिक्षा विभाग भी हरियाणा की पॉलिसी को लागू करने जा रहे हैं।

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घर के नजदीक स्टेशन लेने के फेर में कई स्कूल रहते थे खाली

अधिकतर अध्यापकों की इच्छा होती है कि वे अपने घर के बिल्कुल नजदीक रहें और दूर के स्कूलों में तबादला न हो, इसलिए अधिकतर स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक होने के बाद भी पद खाली रह जाते थे। मगर इस बार ऑनलाइन तबादला से पहले जब स्टेशन मांगे गए तो इस बात को ध्यान में रखते हुए नजदीक के स्टेशनों को कैप्ट रखा गया, जिससे होम सिक वाले अध्यापक घर से थोड़ी दूर भी सेवाएं दे सकें। यहीं कारण है कि पहली बार लगभग सभी स्कूलों में अध्यापकों की संख्या लगभग पूरी होने जा रही है।

पूरी तरह बरती गई पारदर्शिता

स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान मानक अंक पूर्णत: पारदर्शिता से सार्वजनिक किए गए। अधिकांश आवेदकों को तटस्थ, निष्पक्ष रूप से मनपसंद स्कूल मिले। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया से लगभग 95 प्रतिशत अध्यापक खुश हैं। कुछ अध्यापकों को अपनी खुद की गलती से भी परेशान होना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर भिवानी के झुप्पा कलां व झुप्पा खुर्द, देवसर भिवानी में भी है और दूसरे जिले में भी है, नांगल भिवानी के निकट भी है और नारनौंद के निकट भी अध्यापकों ने गांव के नाम से स्कूल कोड मिलाए बिना ही आवेदन कर दिया, जिसके चलते उन्हें दूर का स्टेशन मिल है न कि ड्राइव के कारण।

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8 हजार गेस्ट टीचर्स से जल्द भरवाएं जाएंगे स्टेशन

बड़ी संख्या में तबादलों के बाद आन रोड हुए गेस्ट टीचर्स के लिए अब ऑनलाइन स्टेशन भरवाए जाएंगे। ऐसे में जिन स्कूलों में अध्याकों के पद खाली हुए हैं, उन्हें भरा जा सकेगा। ऐसा होने के बाद अधिकतर स्कूलों में अध्यापकों की कमी को खत्म कर किया जाएगा।

यह अपनाई है नीति

नई शिक्षा नीति में शिक्षक छात्र अनुपात यानी 30:1 के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य हो गई है। ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की तो पाया कि 117 सरकारी माध्यमिक विद्यालय थे, जिनमें कोई शिक्षक नहीं था और 2,000 से अधिक पीजीटी ऐसे उच्च विद्यालयों में कार्यरत थे, जहां कक्षा नौवीं और दसवीं में केवल एक या दो सेक्शन थे। ऐेसे में विलय के बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संख्या 2304, हाई स्कूल की 1027, मिडिल की 2122, प्राइमरी की 4184 है।

जल्द होगी अध्यापकों की कमी पूरी

अगले शैक्षणिक सत्र से पहले 11 हजार से अधिक पीजीटी और टीजीटी शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा लगभग 5000 पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लगभग 6000 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) की भर्ती की जाएगी।

इसके लिए विभाग की ओर से एचपीएससी व एचएसएससी को प्रपोजल भेज दिया गया है। खास बात यह रहेगी कि जब तक नियमित भर्ती नहीं होगी, तब तक कौशल रोजगार के माध्यम से अध्यापक देने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

सबकी समस्या का होगा जल्द से जल्द समाधान: डा. अंशज

शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अंशज सिंह (Dr. Anjaj Singh) का कहना है कि जब इतनी बड़ी संख्या में तबादले होते हैं तो कुछ परेशानियां भी सामने आती हैं। अब परेशानियों को दूर किया जा रहा है। सभी अध्यापकों की परेशानियों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा। विभाग का भी प्रयास है कि प्रत्येक अध्यापक टेंशन फ्री होकर अपना सौ प्रतिशत योगदान दें। विभाग से जो भी संभव हो सकेगा, वह अध्यापकों के लिए किया जाएगा।

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