India News Haryana (इंडिया न्यूज), OP Chautala : हरियाणा के दिग्गज नेता और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला का जीवन संघर्ष और आत्मसम्मान की मिसाल रहा है। अपने राजनीतिक सफर के साथ-साथ चौटाला ने शिक्षा के महत्व को भी गंभीरता से समझा और इसे अपने आत्मसम्मान से जोड़ा।
बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ था। शुरुआती शिक्षा के दौरान ही उन्हें पिता चौधरी देवीलाल के जेल जाने के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। चौटाला का सपना था कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करें, लेकिन परिवार और राजनीति की जिम्मेदारियों के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
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जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा के दौरान तिहाड़ जेल में बंद रहते हुए ओपी चौटाला ने अपनी शिक्षा का अधूरा सपना पूरा करने का दृढ़ निश्चय किया। वे आठवीं पास थे, लेकिन उन्होंने जेल में रहते हुए दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की और शिक्षा को अपने आत्मसम्मान का विषय बना लिया।
चौटाला की इस प्रेरक कहानी पर बॉलीवुड में फिल्म दसवीं बनाई गई, जिसमें अभिनेता अभिषेक बच्चन ने उनका किरदार निभाया। इस फिल्म को काफी सफलता भी मिली। इस फिल्म नेे चौटाला के संघर्ष और शिक्षा के प्रति जुनून ने लोगों को प्रेरित किया।
चौटाला की कहानी यह संदेश देती है कि शिक्षा किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है। उनके इस जज्बे ने न केवल उनके समर्थकों बल्कि पूरे देश को प्रेरणा दी। आज भी उनकी यह कहानी संघर्ष और सफलता की मिसाल मानी जाती है।