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OP Chautala’s Memories : ऐसे थे चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, भूली-बिसरी यादें…, उनकी कार्य कुशलता के अधिकारी भी रहे कायल

• LAST UPDATED : December 21, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), OP Chautala’s Memories : पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी ओमप्रकाश चौटाला अपने ऑन द स्पॉट निर्णय के लिए भी जाने जाते थे। उनकी कार्य कुशलता के अधिकारी भी कायल थे। फरीदाबाद से जुड़ा ऐसा ही एक वाकया है वर्ष 2002 का। जब 25 दिसंबर के दिन उन्हें फरीदाबाद के गांव मोटूका में जेल की आधारशिला रखने के लिए आना था। 12 बजे का समय रखा गया था, लेकिन चौधरी ओमप्रकाश चौटाला अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन की शुभकामनाएं देने उनके दिल्ली निवास पर पहुंच गए, जिसकी वजह से उन्हें 2 घंटे की देरी हुई।

OP Chautala’s Memories : नहीं यहां जेल नहीं…, ये बोले थे चौटाला

करीब 2 बजे फरीदाबाद के गांव मोटूका में पहुंचे। उस समय फरीदाबाद के डीसी सतीश चंद्र जैन हुआ करते थे। जेल की आधारशिला रखने के लिए मोटूका में बाकायदा पत्थर भी लगा दिया गया था। मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 2 बजे पहुंचकर पहले वहां जनसभा को संबोधित किया। उसके बाद डीसी सतीश चंद्र जैन ने कहा कि अब आप जेल की आधारशिला रख दें तो उन्होंने तुरंत निर्णय लेते हुए कहा कि नहीं यहां जेल नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एरिया यमुना से सटा हुआ है और यमुना के दूसरी बार यूपी की सीमा है।

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गांव नीमका में रखी थी जेल की आधारशिला

ऐसे में यदि कोई कैदी यहां से उत्तर प्रदेश की तरफ भाग जाएगा तो उसे पकड़ना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, शहर से यहां की दूरी ज्यादा है और ऐसे में बीच में कई गांव भी पड़ते हैं। किसी भी कैदी को पेशी पर ले जाने के दौरान बीच में किसी गांव में यदि हमला हुआ तो पुलिस कर्मियों की जान भी जा सकती है। जब तक एक्स्ट्रा फोर्स बुलाई जाएगी, तब तक काफी नुकसान भी हो सकता है।

इसलिए उन्होंने ऑन द स्पॉट फैसले को बदल दिया और अधिकारियों से कहा कि कोई दूसरी जगह तलाश की जाए। उसके 2 महीने बाद गांव नीमका में प्रशासन ने जेल के लिए जमीन तलाशी और मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को बताया गया। तब ओम प्रकाश चौटाला ने गांव नीमका में जेल की आधारशिला रखी।

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दूसरा वाकया भी फरीदाबाद से जुड़ा

वहीं दूसरा वाकया भी फरीदाबाद से ही जुड़ा हुआ है। मामला 2003 का है, जब करतार भड़ाना को सहकारिता मंत्री बनाया गया था तो उन्होंने नहर पार पल्ला गांव में उनकी एक जनसभा रखी थी। जब ओमप्रकाश चौटाला उस जनसभा में पहुंचे तो देखा कि पुल पर जाम लगा रहता है। क्योंकि अंग्रेजों के जमाने का आगरा नहर पर बनाया गया पुल बेहद संकरा था। उन्होंने EXN को मौके पर बुलाकर आदेश दिए कि यहां दूसरा पुल बना दिया जाए। उसके बाद वहां दूसरा पुल बनाया गया।

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