गुरुग्राम/देवेंद्र भारद्वाज
सरकार अब अस्पतालों में बेहतर इलाज के साथ अच्छा खाना देने का पुरजोर प्रयास कर रही है,इलाज कराने आने वालों को अच्छा खाना मिल सके इसके लिए गुरुग्राम के अधिकारी अस्पतलों पर नजर बना कर रखते हैं, आपको बता दें सिविल अस्पताल में सरकारी डायटीशियन डॉक्टर होते हैं जो मरीजों की बीमारी के हिसाब से उनका डाइट चार्ट बनाते हैं।
सरकारी अस्पतालों में CSR के तहत किचेन चलाई जा रही है, जिसमें बीते 3-4 साल से यहां मरीजों को खाना CSR के तहत ही दिया जाता है, स्वास्थ्य विभाग निर्धारित मैन्यू के आधार पर सुबह नाश्ता, दोपहर में भोजन, चाय और रात का खाना अस्पताल में भर्ती मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराता है, अगर किसी मरीज को गंभीर बीमारी है और उसे कुछ डाइट से हटकर अलग भोजन की आवश्यकता है, तो वह भोजन भी मरीजों को यहां उपलब्ध कराया जाता है।
सरकारी अस्पताल की रसोई में साफ-सफाई से लेकर स्वच्छता का बेहद ख्याल रखा जाता है, साथ ही कोरोना को देखते हुए हाइपोक्लोराइट से दिन में 7-8 पर फर्श को साफ किया जाता है, खास यह कि रसोई में गुणवत्ता का ख्याल रखने के लिए डॉक्टर लगातार निरीक्षण करते हैं, रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं यानी रसोई में होने वाला हर कार्य 24 घंटे निगरानी में किया जाता है।
इन कैमरों के एक्सेस कुछ डॉक्टर और जो संस्थान यहां भोजन की व्यवस्था करता है उसके पास है, मतलब साफ है कि मरीजों के लिए खाना 24 घंटे कैमरे की निगरानी में ही बनता है, डिप्टी सिविल सर्जन नीरज की मानें तो कोरोना से पहले जहां 150 से 180 लोगों का भोजन रोजाना बनता था तो वहीं अब अब 100 मरीजों के आसपास का भोजन यहां बनता है।
जिसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना भोजन शामिल है, रसोई के मैनेजर के अनुसार हर महीने 2.5 से 3 हजार मरीजों का खाना बनता है, जिसमें 8 से 9 हजार के करीब खर्चा आता है।
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