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Mohan Lal Badoli’s Tongue Slipped : ‘देश में गरीबों की संख्या बढ़ें, ऐसा हमारी सरकार का प्रयास’..ये क्या कह गए मोहन बड़ोली !!

• LAST UPDATED : November 16, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mohan Lal Badoli’s Tongue Slipped : हरियाणा में इन दिनों भाजपा का सदस्यता अभियान जोरों पर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली इस मोर्चे को संभालते हुए प्रदेश के हर जिले के दौरे पर हैं। इस बीच शनिवार को मोहनलाल बड़ौली झज्जर में थे और वहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार की उपलब्धियां गिनाते-गिनाते उनकी जुबान फिसल गई।

जब बड़ोली गरीबों के उत्थान के लिए सरकार की योजना पर सम्बोधित कर रहे थे तो इस दौरान बड़ोली बोले हमारी सरकार ने गरीबों की उत्थान के लिए बहुत से काम किए हैं। देश में गरीबों की संख्या बढ़ें, ऐसा हमारी सरकार का प्रयास है। सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ कांग्रेस पर निशाना साधा।

Mohan Lal Badoli’s Tongue Slipped : गरीबों की संख्या बढ़े, इस प्रकार के प्रयास हमारी सरकार के हैं और इनको हम जारी रखेंगे

मोहन बड़ोली ने कहा गरीब परिवारों के बच्चों को रोजगार देकर उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का काम किया है। गरीब परिवारों को बैंक से लोन की सहायता देकर गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का काम भी पार्टी ने किया है। गरीबों के उत्थान के लिए हमारी सरकार ने बहुत से काम किए हैं। देश से गरीबों की संख्या बढ़े, इस प्रकार के प्रयास हमारी सरकार के हैं और इनको हम जारी रखेंगे।

लोगों ने सरकारी मदद के चक्कर में अपनी आय कम दिखाई

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बड़ोली ने कहा कि  हरियाणा की अनुमानित 2.8 करोड़ आबादी में से 1.98 करोड़ लोग यानी कि करीब 70 प्रतिशत लोग ‌BPL (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में आते हैं। बीपीएल श्रेणी में आने वाले लोगों को राज्य सरकार के कई लाभ मिलते हैं, जिसमें प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं/बाजरा) मुफ्त में दिया जाता है। इसके अलावा हर महीने 40 रुपए में दो लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपए में 1 किलो चीनी प्रति बीपीएल कार्ड दिया जाता है।

चौंकाने वाली बात यह है कि 70 लाख लोग पिछले 2 साल में बीपीएल कैटेगरी में और जुड़े। दिसंबर 2022 में लगभग 1.24 करोड़ लोगों (कुल आबादी का 44 प्रतिशत) को इस श्रेणी में सूचीबद्ध किया था, लेकिन पिछले दो वर्षों में उनकी संख्या में लगभग 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब आंकड़ा 1.98 करोड़ है। हरियाणा सरकार इस मामले की जांच करवा रही है। इसका कारण परिवार पहचान पत्र में सेल्फ डेक्लेशन के ऑप्शन को बताया जा रहा है, जिसमें लोगों ने सरकारी मदद के चक्कर में अपनी आय कम दिखाई है।

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