पलवल जिले के शहर हसनपुर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ना होने से मरीजों को परेशानी हो रही है. करीब एक सप्ताह से सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं आए हैं.
पलवल जिले के कस्बा हसनपुर मे एक मात्र सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होंने के बावजूद ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पिछले एक सप्ताह से अस्पताल के डॉक्टर गायब हैं. सात दिन से मरीज अस्पताल के बाहर बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करते हैं और शाम होने पर घर लौट जाते हैं.
अस्पताल में इलाज कराने आई महिलाओं ने बताया की वह गरीब हैं इसलिए वो सरकारी अस्पताल मे अपना इलाज कराने के लिए आते हैं, अगर उनके पास पैसा होता तो वो इतना इंतजार क्यों करते प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कराते. इलाज कराने आए ग्रामीणों ने पीएचसी के प्रभारी डा.वैभव पर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. इसके अलावा पीएचसी में डाक्टरों के साथ-साथ दवाइयां भी पर्याप्त नहीं है, जिसके चलते ग्रामीणों को निजी अस्पताल में जाकर इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है. शुक्रवार की सुबह जब मरीज पीएचसी में दवाई लेने आए तो चिकित्सकों अस्पताल में नहीं मिले. इसके बाद ग्रामीणों ने एकत्रित होकर पीएचसी के बाहर हंगामा किया और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से डॉक्टरों पर एक्शन लेने की मांग की.
ग्रामीण महिलाओं ने बताया पीएचसी में दवाई भी समय पर नहीं मिलती. खून के जांच की रिपोर्ट मिलने में भी सप्ताह गुजर जाता है. गांव में मलेरिया, डेंगू जैसी गंभीर बीमारी फैली हुई है लेकिन पीएचसी में इसका कोई इलाज नहीं है. चिकित्सक दूसरे अस्पतालों में जाकर उपचार करवाने की बात कह कर टाल देते हैं.