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De-Addiction Center Panipat : पानीपत पुलिस ने नशे की गर्त में फंसे 864 लोगों का सिविल अस्पताल के डी- एडिक्शन सेंटर पर इलाज करवा मुख्यधारा में जोड़ा : एसपी
पानीपत पुलिस ने नशे की गर्त में फंसे 864 लोगों का सिविल अस्पताल के डी- एडिक्शन सेंटर पर इलाज करवा मुख्यधारा में जोड़ा : एसपी
पानीपत पुलिस की और से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे
India News Haryana (इंडिया न्यूज), De-Addiction Center Panipat : पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में पानीपत जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए जिला पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया हुआ है। अभियान के सफल आयोजन के लिए उप पुलिस अधीक्षक समालखा नरेंद्र कादियान को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उप पुलिस अधीक्षक समालखा श्री नरेंद्र कादियान ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा अभियान के तहत लोगों को नशे के दुष्प्रभावों बारे जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है, इसके साथ ही नशे की गर्त में फसे लोगों को चिन्हित कर सिविल अस्पताल के डी-एडिक्शन सेंटर से उनका इलाज करवाया जा रहा है।
6 महीने के दौरान ऐसे 864 लोगों का कराया इलाज
अभियान के तहत बीते 6 महीने के दौरान ऐसे 864 लोगों का सिविल अस्पताल के डी एडिक्सन सेंटर पर इलाज करवा मुख्यधारा में जोड़ने का काम जिला पुलिस द्वारा किया जा चुका है। अभियान के तहत गठीत की गई टीम द्वारा स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, गांव, कॉलोनी, फैक्टरी इत्यादी स्थानों पर जाकर युवाओं व आमजन को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठन व मौजिज लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। किसी बुरी संगत का शिकार होकर नशे की लत में पड़ गए युवा अब जागरूकता मुहिम से प्रेरित होकर नशा छोड़ने के लिए स्वयं आगे आ रहे है। जिला पुलिस द्वारा नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
De-Addiction Center Panipat
De-Addiction Center Panipat : आने वाली पीढ़ी को नशा मुक्ति अभियान से जोड़ा जाए
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि नशा व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक व शारीरिक विकास में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी आने वाली पीढ़ी को नशे से बचाना है। यदि आने वाली पीढ़ी को नशा मुक्ति अभियान से जोड़ा जाए, तो इसका सार्थक परिणाम आ सकता है। बच्चों को नशे से शारीरिक नुकसान, गलत संगति व दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हर बच्चे के परिवार का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चे को समय-समय पर काउंसलिंग करते रहें और बच्चों की बदलती आदतों का ध्यान रखें।
युवा वर्ग नशे से दूर रहकर पढाई के साथ खेलों में भविष्य सवारें
जिला पुलिस द्वारा युवाओं को नशे की दलदल से दूर रखने और पढाई के साथ खेलों से जोड़ने के लिए लगातार खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन करवाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा नशे पर रोकथाम के लिए सफल प्रयास किये जा रहे है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इसके लिए सबको मिलजुल कर प्रयास करना होगा, ताकि युवाओं को इससे बचाया जा सके। युवा वर्ग नशे से दूर रहकर पढाई के साथ खेलों में भविष्य सवारें।