India News Haryana (इंडिया न्यूज), Shivani Panchal Got 21st Rank In HCS : बेटियां बेटों से कम नहीं यह साबित कर दिखाया है भोड़वाल माजरी गांव की बेटी शिवानी ने, गांव में साधारण परिवार में जन्मी पांचाल समाज की बेटी शिवानी पुत्री दिलबाग ने हरियाणा सिविल सर्विसेज में 21वां रैंक हासिल करके अपने माता-पिता के साथ अपने गांव का भी नाम ऊंचा करने का काम किया है, कुल मिलाकर शिवानी अब कुछ दिनों में ट्रेनिंग करने के बाद एसडीएम लग जाएगी।
गौरतलब है कि शिवानी जब करीब 5 साल की उम्र की आयु में थी तो उनके पिता का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था, उनकी माता-पिता जो आंगनवाड़ी वर्कर के रूप में काम कर रही है, उन्होंने शिवानी को शिक्षा दिलाने का काम किया और वर्ष 2021 में उसने नीट कुरूक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की परीक्षा पास की, हालांकि इस दौरान वर्ष 2021 में पढ़ाई करते ही उसकी गुरुग्राम में जे.एस.डब्ल्यू. नामक एक कंपनी में प्लेसमेंट हो गई और उसने 2021 से 2023 तक वहां पर करीब 2 साल तक असिस्टेंट मैनेजर के पद पर जॉब की और 2023 में वह जब वह नौकरी छोड़कर घर पर आ गई और वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा की घर पर ही तैयारी करने लग गई।
शिवानी ने यह भी बताया कि उसने कहीं पर भी कोई कोचिंग नहीं ही ली और वह अपने घर पर ही लगातार सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी करती रही, शिवानी ने बताया कि गत 30 मई 2024 को उसने यह परीक्षा दी तो रिजल्ट में वह पास हो गई, इसके अलावा 10 जून 2024 को उसने इंटरव्यू दिया और इंटरव्यू देने के बाद जब उसका मंगलवार यानी 18 जून की रात को रिजल्ट आया तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उसने इस परीक्षा में 21वां रैंक हासिल किया है। जब उसने अपने परिजनों को यह बात बताई तो उसके परिजनों को यह यकीन हो गया था की बेटी एसडीएम के पद के लिए सिलेक्ट हो गई है।
हालांकि शिवानी गर्मियों की छुट्टियां मनाने के लिए दिल्ली के बसंत कुंज में अपने मामा के यहां गई हुई है और उसके मामा के यहां ही नहीं उसके भोड़वाल माजरी में घर पर भी उसके परिजनों को उसकी खुशी में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, भले ही छोटी उम्र में शिवानी के सर से उसके पिता का साया उठ गया हो, लेकिन शिवानी ने हार मानी और कड़ी मेहनत तो लगन से कार्य करती गई और आज मेहनत उसके कदमों को चूम रही है।
इस बारे में शिवानी से बात की गई तो शिवानी ने कहा कि उसके मन में पहले से ही यह था कि उसने एस.डी.एम. बनना है और जब वह छोटी उम्र की थी तभी से वह इस अपने लक्ष्य को निर्धारित करके चल रही थी। शिवानी ने बताया कि जब वह छोटी यानी 5 साल की उम्र की थी तो उसके पिता सड़क दुर्घटना में हमें छोड़कर चले गए थे, परिवार पर उस समय बहुत बड़ा आपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा, स्थिति यह नहीं रही कि शिवानी को ज्यादा लंबी चौड़ी पढ़ाई करें, लेकिन शिवानी ने बताया कि उसकी मां सविता ने उसका पूरी तरह से साथ दिया और उसको पढ़ती गई।
एक दिन ऐसा आया कि उसने इतनी लगन से पढ़ाई की कि शिवानी ने स्वर्ग में गए हुए अपने पिता दिलबाग सिंह और माता सविता के सपने को पूरा किया है। बुधवार को समस्त भोड़वाल माजरी गांव इस खुशी से गदगद हो रहा है, क्योंकि भोड़वाल माजरी गांव में सिविल की नौकरी में कोई भी अब तक ऐसे पद पर नौकरी नहीं पाई हो कि जिससे यह कहा जाए कि शिवानी आज गांव में इतने पद पर खड़ी होने वाली पहली बेटी साबित हुई है। निश्चित रूप से भोड़वाल माजरी गांव की यह पर पहली ऐसी बेटी बन गई है कि जिसने इतने बड़े को हासिल किया हो।
गांव के सरपंच पति कमल रामकिशन से बात की गई तो उसने कहा शिवानी का एस.डी.एम. पद पर सिलेक्ट होना समस्त भोड़वाल माजरी गांव के लोगों के लिए एक बहुत बड़े गौरव की बात है, उसने कहा कि शिवानी ने जिस तरह से गांव का नाम रोशन किया है, गांव में 36 बिरादरी की ओर से उसके सम्मान करने में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। पांचाल कल्याण समिति समालखा के प्रधान सुनील पांचाल ने भी कहा कि शिवानी ने एस.डी.एम का पद हासिल करके केवल पांचाल समाज का ही नहीं 36 बिरादरी का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि पांचाल समाज की ओर से शिवानी के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।