इंडिया न्यूज, लखनऊ।
Paramhansacharya’s taunt on Tikait देश की राजधानी लखनऊ में आज किसानों की महापंचायत है। उससे पहले अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कृषि कानून पर बड़ा बयान दिया। जगतगुरु ने कहा है कि किसान नेता राकेश टिकैत को तीनों कृषि कानूनों का कोई ज्ञान नहीं है। उन्हें केवल फंडिंग मिल रही है जिस कारण वो देश तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने राकेश टिकैत को चैलेंज देते हुए कहा कि यदि वह तीनों कृषि कानूनों के बारे में बता दें तो वे उन्हें 1 करोड़ रुपए का ईनाम देंगे।
परमहंसाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय के अनुसार तीनों कृषि कानूनों की वापसी का निर्णय लिया है, लेकिन ये कानून किसानों के हित में था। जब कभी जनमत संग्रह होगा तो उसे भविष्य में फिर लाना ही होगा। 95% किसान कानूनों को ठीक कह रहे हैं। टिकैत चाहें तो 10-15 दिन का समय लेकर कृषि कानूनों का अध्ययन कर सकते हैं, इसके बाद वे कृषि कानूनों को बता दें।
परमहंस ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि इस कानून का विरोध पूरी तरह मंडी के बिचौलिए, सत्ता विरोधी पार्टियों के एजेंट कर रहे हैं। इस कानून का विरोध करने के लिए पहले खालिस्तान समर्थकों ने सिखों को आगे कर दिया। किसान आंदोलन पूरी तरह से चीन और पाकिस्तान के इशारे पर चलाया जा रहा है। राकेश टिकैत सत्ता विरोधी पार्टियों के एजेंट हैं और वे किसान आंदोलन के नाम पर पाकिस्तान और चाइना की भाषा बोल रहे हैं। यह किसान आंदोलन किसानों के नाम पर धोखा है।
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