India News (इंडिया न्यूज), Form-6 : राज्य शिक्षा विभाग ने मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा फॉर्म-6 जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक बढ़ाई है। वहीं हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम अधिनियम- 1995 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अभिभावकों की संस्था अभिभावक एकता मंच (AEM) ने फॉर्म जमा करने से पहले की गई फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। अगर संचालक फाॅर्म-6 के माध्यम से स्कूल संबंधी जानकारी नहीं देते तो वे नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में फीस सहित अन्य फंड शुल्क नहीं बढ़ा सकते।
बता दें कि फॉर्म-6 वह जानकारी है जो एक स्कूल को पिछले शैक्षणिक वर्ष की तुलना में फीस संरचना और वेतन में बढ़ोतरी, नई सुविधाओं को जोड़ने आदि के संबंध में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में देनी होती है।
हालांकि हर वर्ष आवेदन जमा करने की तारीख फरवरी होती है, लेकिन इस साल चौथी बार इसमें विस्तार किया गया है। एईएम ने आरोप लगाया कि यह स्कूलों को कानूनी कार्रवाई से बचाने का एक प्रयास है क्योंकि उनमें से अधिकांश ने या तो फॉर्म-6 जमा नहीं किया या शुल्क बढ़ाने और शुरुआत के बाद इसे जमा किया है।
सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को फाॅर्म-6 (फॉर्म-6 के क्लॉज 10 को छोड़कर) भरना अनिवार्य है। इसे एमआईएस पोर्टल पर भरा जाता है। फॉर्म-6 में स्कूल के मुखिया का नाम, ई-मेल आईडी, स्कूल का पिन कोड, फोन नंबर, स्कूल की प्रबंधन समिति व ट्रस्ट का नाम भरा जाता है। स्कूल शैक्षणिक सत्र अपग्रेड हुआ है या नहीं, इसकी भी मान्यता की प्रति फार्म के साथ संलग्न की जाती है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों से ली जाने वाली फीस और शिक्षकों व गैर शैक्षिक स्टाफ को दिए जाने वाले वेतन के बारे में भी जानकारी देनी होती है।
संभागीय आयुक्त और अध्यक्ष, शुल्क और निधि नियामक समिति (एफएफआरसी) संजय जून ने कहा कि फॉर्म-6 के संबंध में मानदंडों का अनुपालन अनिवार्य है। यदि कोई उल्लंघन हुआ तो उसकी जांच की जाएगी। इतना ही नहीं, अगर कोई निजी स्कूल तय समय तक फाॅर्म-6 प्रस्तुत नहीं करता तो शिक्षा विभाग की ओर से उस स्कूल को नए शैक्षणिक वर्ष के लिए फीस संरचना बढ़ाने से रोक दिया जाएगा।
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