इंडिया न्यूज, सिरसा।
Patwari Buta Singh murder case पटवारी बूटा सिंह हत्याकांड मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने हत्यारोपी दो महिलाओं सहित तीन लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर पांच-पांच माह अतिरिक्त कारवास भुगतना पड़ेगा। इस हत्याकांड में सिटी डबवाली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व सबूत मिटाने का केस दर्ज करके जांच शुरू की थी। कई दिनों तक चली जांच के बाद पुलिस ने हत्यारोपियों का पता लगाकर आरोपी सुखपाल कौर निवासी तिगड़ी पंजाब, कोमलदीप सिंह निवासी जैतोमंडी पंजाब, परमजीत कौर निवासी मंडी डबवाली व अमृतपाल सिंह निवासी वार्ड नंबर 20 मंडी डबवाली को गिरफ्तार किया था। आरोपी अमृतपाल सिंह 25 जनवरी, 2022 को भगौड़ा हो गया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी सुखपाल कौर, कोमलदीप व परमजीत कौर को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
मामले के अनुसार गांव तिगड़ी निवासी बूटा सिंह पंजाब के कोर्ट फत्ता में बतौर नहरी पटवारी कार्यरत था। 23 दिसंबर 2017 को वह पत्नी व बच्चों के साथ बठिंडा आया था। यहां पत्नी व बच्चों को छोड़कर वह रामामंडी चला गया। अगले दिन उसकी लाश डबवाली की मांगेआना नहर में मिली। उसके गले में रस्सी बंधी हुई थी, जिससे पुलिस को पता चला कि उसका रस्सी से गला घोंटकर हत्या की गई है। पुलिस ने हत्याकांड की जांच शुरू की तो पता चला कि बूटा सिंह ने अपने गांव के नवदीप सिंह से 16 लाख रुपए में जमीन खरीदी थी। नवदीप की मां सुखपाल कौर इस खरीद के खिलाफ हो गई और उसने डबवाली कोर्ट में बूटा सिंह के खिलाफ दिवानी केस दायर कर दिया।
सुखपाल कौर बूटा सिंह से रंजिश रखने लगी और उसकी हत्या की साजिश रची। उसने परमजीत कौर को साजिश में शामिल कर लिया। साजिश के तहत परमजीत कौर बूटा सिंह से फोन पर बातें करने लगी। उसने उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। 23 दिसंबर को उसने फोन करके बूटा सिंह को रामामंडी में अपने एक कमरे में बुलाया था। इसके बाद उसे शराब पिलाई। इसके बाद अपने पति अमृतपाल सिंह व बहन के बेटे कोमलदीप को बुलाया। उक्त दोनों ने बूटा सिंह का रस्सी से गला घोंट दिया। इसके बाद बाइक पर उसकी लाश लेकर मांगेआना नहर पर पहुंचे और बूटा सिंह की लाश नहर में फेंक दी। पांच साल तक कोर्ट में चले इस मामले का निपटारा करते हुए एएसजे कुलदीप सिंह ने आरोपी सुखपाल कौर, कोमलदीप व परमजीत कौर को हत्या की साजिश,हत्या व सबूत मिटाने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी।
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