India News Haryana (इंडिया न्यूज), Pig Farming Scheme : सरकार की सूअर पालन योजना देश की सभी योजनाओं में से सबसे सस्ती व कम लागत और मुनाफा देने वाली योजना है। इस व्यवसाय को अधिक लाभ देने वाला व्यवसाय माना जाता है। हमारे देश में सुअर पालन का कार्य बहुत पुराने समय से किया जा रहा है।
देश में ही नहीं अन्य देशों में सुअर के मांस का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इससे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट व दवाइयां भी बनाई जाती है। उन्होंने बताया कि सुअर पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना को चालू करने के लिए बैंकों और नाबार्ड द्वारा 12 प्रतिशत वार्षिक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉक्टर वीरेद्र कुमार दहिया ने बताया कि सरकार द्वारा सुअर पालन के लिए एक लाख रुपये तक की धन राशि पर सब्सिडी दी जाती है। इससे अधिक राशि लेने पर अपने एरिया के नाबार्ड खेती परियोजना अधिकारी से सम्पर्क करके इनमे छूट लेने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता। एक लाख रुपये से अधिक राशि पर 15 से 25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सरकार की नाबार्ड की सुअर पालन योजना के अंतर्गत ऋण राशि पर 20 से 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
उपायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि सुअर पालन योजना के लिए भारत का नागरिक होना चाहिए, आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए, पशु पालक के पास पशुओं को पालने के लिए स्वयं की जमीन होनी चाहिए या कोई जमीन उनके नाम 10 वर्ष की लीज पर होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक योग्यता व अनुभव की कोई जरूरत नहीं होती। सरकार द्वारा इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है।
उपायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया पशु पालन व्यवसाय में अन्य पशुओं की अपेक्षा सुअर पालन व्यवसाय को सबसे सस्ता व्यवसाय माना जाता है। इसका मुख्य कारण मार्केट में मांस की मांग तेजी से बढ़ रही है। दूसरी ओर इस पशु को पालने का लाभ यह भी है कि एक मादा सुअर एक बार में 5 से 14 बच्चे देने की क्षमता रखती है।
इसलिए इस व्यवसाय में लागत कम मुनाफा अधिक मिलता है। सरकार द्वारा सूअर पालन योजना को शुरू करने को उद्देश्य देश में बेरोजगार लोगों को व्यवसाय के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाना है। सुअर पालन एक कम लागत से शुरू होने वाला व्यवसाय है। इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर कोई पशु पालक करना चाहता है तो सरकार द्वारा जरूरत के अनुसार लोन व सब्सिडी का प्रावधान है।
उपायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि सुअर के व्यवसाय से बेरोजगार लोगों को आय का अच्छा स्त्रोत मिल जाता है। सुअर का मांस जहां लोग भोजन के रूप में प्रयोग करते है वहीं सुअर की चर्बी, त्वचा, बाल व हड्डियों से विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक सामान तैयार किए जाते है। उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय को अपना कर बेरोजगार युवक आत्मनिर्भर बन सकते है।
उपायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि जो व्यक्ति लोन लेना चाहता है। इसके लिए आवेदक का आधार कार्ड, नगर निगम अधिकारी द्वारा जारी अनुमति पत्र, तीन पासपोर्ट साईज फोटो, जमीन से सम्बंधित दस्तावेज व बैंक अकाउंट का विवरण होना चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी दस्तावेज ऑनलाइन किए जाएगे। बैंक से ऋण के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और बैंक में इसका आवेदन करना होगा। दस्तावेज सही पाए जाने पर बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत किया जाएगा।
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