India News (इंडिया न्यूज़), Politics on Monu-Mamman, चंडीगढ़ : हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा का मामला शांत होता नहीं दिख रहा। आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी सत्ताधारी व विपक्षी दल मामले को लेकर आमने-सामने हैं। मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद विश्व हिंदू परिषद जहां खुलकर उसके साथ खड़ा है तो वहीं भाजपा के नेता भी मोनू के समर्थन में उतर आए हैं।
उधर मामले में फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान ने नूंह हिंसा मामले में खुद को गलत तरीके से फसाने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस पार्टी लगातार सत्ताधारी भाजपा पर मोनू मानेसर को बचाने के आरोप पहले से ही लगा रही है। इसके अलावा सनातन धर्म के मामले पर भी दोनों पक्ष निरंतर आमने-सामने हैं।
झूठा फंसाकर गिरफ्तारी का हवाला दे मामन खान ने वकील के जरिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया कि हिंसा की घटनाओं के लिए अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। ऐसी ही एक प्राथमिकी 1 अगस्त को नूंह के एक थाने में उनके खिलाफ दर्ज की गई। उनको 25 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस भेजा गया और दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में उन्हें पेश होने को कहा गया।
पिछले महीने मामन खान को जारी एक नोटिस में नूंह पुलिस ने विधायक को हिंसा की जांच में शामिल होने के लिए नगीना पुलिस थाने में पेश होने के लिए कहा था। लेकिन वो इस दौरान दो मौकों पर उपस्थित होने में विफल रहे। मालूम रहे कि विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर 31 जुलाई को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद हरियाणा के नूंह और इसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में दो होमगार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की जान चली गई थी।
इस पूरे मामले में भाजपा नेता एक तरह से लगातार मोनू मानेसर के साथ खड़े रहे हैं। मंगलवार को मोनू की गिरफ्तारी के बाद रोहतक से भाजपा लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा खुलकर मोनू मानेसर के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने कहा कि मोनू मानेसर पाक साफ है। वो यहीं नहीं रुके, आगे कहा कि मोनू सिर्फ सनातन धर्म के लिए काम कर रहा है और अगर मोनू मानेसर के ऊपर कोई आंच आई तो मैं उसके साथ हूं। इससे पहले होम मिनिस्टर अनिल विज भी खुलकर मोनू मानेसर के समर्थन में आ चुके हैं।
मोनू मानेसर की गिरफ्तारी से गुस्साई विश्व हिंदू परिषद व समर्थकों ने गुरुग्राम में प्रदर्शन किया। विश्व हिंदू परिषद ने पंचायत बुलाकर बड़ा फैसला लेने की चेतावनी दी। मोनू मानेसर के गांव के लोगों ने भी इसे राजनीतिक साजिश बताकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वीएचपी की तरफ से कहा गया कि पुलिस ने कांग्रेस विधायक मामन खान को तो गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मोनू को अरेस्ट कर लिया। यह किसी भी तरह से उचित नहीं है। मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद गुरुग्राम पुलिस के पास इनपुट यह भी है कि मानेसर और आसपास के इलाकों में हालात संवेदनशील हैं।
हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को 12 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले उस पर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट डालने का केस है। नूंह पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने उसे गुरुग्राम में मानेसर की मार्केट से पकड़ा। वह इसी गांव का रहने वाला है। अरेस्ट करने के बाद मोनू को नूंह कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने उसका रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भौंडसी जेल भेज दिया।
मोनू मानेसर पर भिवानी में हुए राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल होने का भी आरोप है। इस केस में वह पिछले 8 महीने से फरार था। मोनू की गिरफ्तारी का पता चलते ही राजस्थान पुलिस भी कोर्ट पहुंच गई। उसे जेल ले जाने से पहले ही राजस्थान पुलिस को उसकी ट्रांजिट रिमांड मिल गई। उसे लेकर राजस्थान पुलिस रवाना हो गई है।
आने वाले चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए दोषी ठहरा रही हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है राजनीतिक दलों की नूहं दंगों के जरिए पॉलिटिकल माइलेज चाह निरंतर हिलोरे ले रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति सनातन धर्म के मामले पर है। मामले पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारी एक संस्कृति है और अगर कोई इसका विरोध करता है तो गलत है। वहीं मामले पर कांग्रेस दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का सम्मान करना चाहिए। ये धर्म निरपेक्ष देश है।
पूरे मामले में जांच चल रही है। मोनू मानेसर वाले मामले में राजस्थान पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर रखी है। वहां की पुलिस ने हमसे सहयोगा मांगा था। अगर मोनू दोषी नहीं है तो कोई उसे सजा नहीं दे सकता। जहां तक मामन खान की बात है तो मामले की जांच की जा रही है। अगर कोई दोषी है तो बख्शा नहीं जाएगा। वो चाहे कहीं चले जाएं, दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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