डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Politics on Nuh Violence, चंडीगढ़ : हरियाणा के नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा पर पथराव के बाद हुई दो पक्षों में जमकर हिंसा के बाद पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल है। हिंसा से कई जिलों में भय व्याप्त है। हालात पर काबू पाने के लिए इलाके में पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनी तैनात की गई हैं। इसके अलावा नूंह, गुरुग्राम और फरीदाबाद में मंगलवार को स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर मामले को लेकर जमकर हमलावर हैं। सत्ता पक्ष इस पर लगातार कह रहा है कि मामले को लेकर राजनीति न हो और सरकार हरसंभव कदम उठा रही है, वहीं विपक्ष का कहना है कि चुनाव से पहले हिंसा करवाना ही भाजपा का असली चेहरा है। भाजपा ने हमेशा धर्म के नाम पर दंगे फसाद ही करवाए हैं।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुलिस को पहले तैनात किया जाना चाहिए था। अगर सरकार तैयार रहती तो हादसा टल जाता। सरकार अगर समय रहते कदम उठाती तो ऐसी दुर्घटना होने की नौबत ही नहीं आती। ये पूरी तरह से सरकार का फेल्योर है।
जब पहले ही इस तरह की दुर्घटना का अंदेशा था तो जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए गए। एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि जहां तक इस्तीफे की बात है तोये किसी एक व्यक्ति की बात नहीं है, पूरी सरकार फेल रही है। वहीं इनेलो ने कहा कि ये नूंह में दंगे सरकार द्वारा प्रायोजित हैं। जब सरकरा को पहले अंदेशा था कि नूंह में दंगे हो सकते हैं तो सरकार जानबूझकर गूंगी क्यों बनी रही।
वहीं पूरे मामले को लेकर सीएम मनोहर ने साफ कर दिया कि किसी भी हालत में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं, उनको कतई नहीं छोड़ा जाएगा। एक सामाजिक यात्रा को जिस तरह से निशाना बनाया गया है वो एक सुनियोजित साजिश है।
पुलिस पर भी आक्रमण किया गया है। हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। होम मिनिस्टर अनिल विज ने भी कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है। सभी राजनीतिक दलों को शांति बहाली की दिशा में सहयोग करना चाहिए।
नूंह के उपायुक्त प्रशांत पवार तथा एसपी नरेंद्र सिंह बिजारणिया की अध्यक्षता में शांति वार्ता की बैठक संपन्न हुई। इसमें गठित की गई कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। उन्होंने शहर के मौजिज लोगों को आश्वस्त किया कि हिंसा को बढ़ने नहीं देंगे, शांति व्यवस्था बनाए रखने में पूरा सहयोग करेंगे। इसके अलावा वहां के एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कमेटी के सदस्यों से अपील की कि वह आरोपियों को पहचानने में मदद करें। साथ ही कमेटी के सदस्यों से यह भी अपील की कि वह शांति व्यवस्था बहाल रखने में मदद करें और आगे आएं।
जानकारी में सामने आया कि मंगलवार तक वहां इस मामले में 44 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी है और उनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना अपडेट हुई। जिले में अर्धसैनिक बलों करीब डेढ दर्जन कंपनियां तथा हरियाणा पुलिस बल की भी 30 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं।
पुलिस प्रशासन की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही लोगों को कहा कि वह जारी आदेशों का पालन करें और कोई भी व्यक्ति क़ानून हाथ में न ले। इसके अलावा भड़की हिंसा में अब तक 5 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है।
उधर यह भी सामने आ रहा है कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस सोशल मीडिया पर भी निरंतर नजर बनाए हुए है। यह भी बता दें कि दंगाइयों और आरोपियों को पकड़ने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की भी जांच पड़ताल की जा रही है।
व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी असामाजिक तत्वों ने किसी तरह की अफवाह फैलाई तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी और सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे में सरकार की तरफ से भी सब को बार-बार आगाह किया जा रहा है कि वह सोशल मीडिया पर किसी तरह की गलत या झूठी जानकारी प्रेषित न करें।
इस साल फरवरी माह में हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक मामन खान ने वक्तव्य दिया गया था। हालांकि बाद में वक्तव्य की तासीर को देखते हुए इसको सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया था। उन्होंने मोनू मानेसर का नाम लेते हुए कहा था कि इसके चलते हमारे मेवात में हालात खराब हुए हैं।
इतने इतने बड़े-बड़े भाजपा नेताओं के साथ फोटो खिंचवाई और अबकी बार यह हमारे इलाके में आया तो इसका प्याज सा फोड़ दिया जाएगा। उनके इस बयान पर सत्ताधारी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और बाद में दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद उनके इस बयान को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया था। अब यह बयान सोशल मीडिया पर निरंतर वायरल हो रहा है। बता दें कि अप्रैल में राजस्थान विधानसभा में नूंह में हिंसा होने की संभावना का मुद्दा उठा था। इसके अलावा मोनू मानेसर के भी पुराने वीडियो निरंतर वायरत हो रहे हैं।
घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इसमें चाहे कोई मामन खान हो या कोई मोनू मानेसर हो या कोई और जिम्मेदार हो, जिम्मेदार दंगई लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम की जांच होगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी इस घटना के लिए कसूरवार है उनको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
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