डॉ. रविंद्र मलिक, India news (इंडिया न्यूज़), Politics On Old Age Pension, चंडीगढ़ : हरियाणा में पेंशन बढ़ोतरी का मामला इन दिनों सियासी गलियारों में जमकर चर्चा में है। इसको लेकर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। मुद्दे को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा ने जहां स्पष्ट कर दिया है कि वो चुनावी घोषणा पत्र में पेंशन बढ़ोतरी के वायदे को पूरा कर रही है और वर्तमान सरकार का कार्यकाल होने तक बुढ़ापा पेंशन 3100 रुपए कर देगी। वहीं मामले को लेकर सत्ता में भाजपा की सहयोगी जजपा कुछ हद तक खुद को सुखद अवस्था में नहीं पा रही।
पार्टी ने बुढ़ापा पेंशन 5100 करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा अपनी सहयोगी के चुनावी वादे से इत्तेफाक नहीं रखती। भाजपा ने साफ कर दिया है वो मुख्य सत्ताधारी दल है और जजपा की भूमिका नगण्य है। फिलहाल कोई भी पार्टी हो, वह मुद्दे को कैश करने से पीछे नहीं हट रही। भाजपा लगातार कह रही है कि वो घोषणा पत्र में किए गए पेंशन के वादे को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है और इसको पूरा भी कर रही है। चूंकि बुढ़ापा पेंशन प्रदेश में कुल वोटर्स में से एक बड़ी तादाद में लोगों को मिल रही है। इसमें बढ़ोतरी होती है तो कहीं न कहीं वोटिंग के वक्त परिवार के अन्य सदस्य भी इससे प्रभावित होकर वोट करते हैं।
वहीं मामले को लेकर कांग्रेस निरंतर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस कह रही है कि जजपा अपना चुनावी वादा पूरा करने में असफल रही और लोगों के साथ विश्वासघात हुआ है। पार्टी नेताओं को कहना है कि जजपा ने 5100 रुपए पेंशन का वादा किया था लेकिन अब पार्टी कह रही है कि उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है और पार्टी की सत्ता में इतनी नहीं चलती। आगे विपक्षी पार्टी नेताओं का कहना है कि जजपा को अभी क्यों ध्यान आया कि वो 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन नहीं कर पाएगी और मतलब साफ है कि आने वाले चुनाव को देखते हुए अब पार्टी को कहीं न कहीं अपनी गलती का अहसास हुआ है। कांग्रेस दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो पार्टी बुढ़ापा पेंशन 6 हजार कर देगी।
मामले पर जजपा कहीं न कहीं बैकफुट पर नजर आ रही है। सीएम मनोहर लाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि भाजपा हरियाणा में मुख्य सत्ताधारी दल है। जो भी बड़े फैसले लिए जाएंगे वो पार्टी अपने आधार पर लेगी। कहीं न कहीं जजपा के लिए ये झटका भी था। जजपा ने पेंशन के मसले पर बयान को सहूलियत के लिहाज से इस्तेमाल किया। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ये बात बिल्कुल ठीक है और भाजपा ठीक कह रही है। बेशक जजपा सत्ता में है लेकिन उसके पास महज 10 सीट होने के चलते सत्ता में 20 फीसदी ही हिस्सेदारी है। इस लिहाज से वो पेंशन नहीं बढ़ा सकी। ऐसे में जरूरी है कि पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत हो। दिग्विजय ने अपने ताजा तरीन बयान में कहा कि पूर्ण बहुमत नहीं होने के चलते दुष्यंत की कलम की ताकत कमजोर है। इसी कारण अब तक पेंशन 5100 रुपए नहीं हो पाई ।
हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन पाने वालों की संख्या में लगातार नए लोग जुड़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 171026 बुजुर्गों की पेंशन शुरू हुई। इसके बाद 2020 में 129016 लोगों की पेंशन लगी। फिर साल 2021 में 132758 नए पेंशनर्स जुड़े। इसी अवधि में करीब पौने तीन लाख पेंशनर्स के नाम हटे भी। ये भी बता दें कि पिछले दिनों पेंशन में 250 रुपए बढ़ोतरी की गई थी। फिलहाल बुढ़ापा पेंशन 2750 रुपए हैं और पेंशन में बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2023 से लागू मानी गई। बता दें कि सरकार ने बजट में पेंशन के लिए आय सीमा 2 लाख सालाना से बढ़ाकर 3 लाख रुपए सालाना करने की घोषणा की थी। पेंशन के लिए यह आय सीमा करीब 11 साल बाद बढ़ाई गई है।
2013-14 में हरियाणा में 1000 रुपए पेंशन मिलती थी जो बाद में 2014-15 में 1200 हुई थी और 2015-16 में 1400 रुपए कर दिया गया। फिर 2016-17 में 1600 रुपए, 2017-18 में 1800 रुपए, 2018-19 में 2000 रुपए, 2019-20 में 2250 रुपए, 2020-21 में 2500 और अब इसको 2750 रुपए किया गया। बता दें कि वर्तमान में बुढ़ापा पेंशन सम्मान भत्ता, विधवा और दिव्यांग पेंशन समेत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ 29.71 लाख लोगों को मिल रहा है। आय सीमा बढ़ाने के बाद पेंशन पाने वालों की संख्या 35 लाख से भी ज्यादा हो सकती है।
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पेंशन के मुद्दे पर चुनावी वादा करने में इनेलो ने तो सभी दलों को पीछे छोड़ दिया है। पार्टी सुप्रीमो ओपी चौटाला का कहना है कि भाजपा सरकार में जिन बुजुर्गों की पेंशन कट गई है, उन बुजुर्गों की पेंशन दोबारा से बनाई जाएगी और बुजुर्गों की मासिक पेंशन 7500 प्रति महीना की जाएगी। इनेलो भी पेंशन बढ़ाने के चुनावी वादे के जरिए चुनावी वैतरणी तरना चाहती है।
वहीं मामले पर आम आदमी पार्टी भी जमकर राजनीतिक रोटियां सेंक रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि गठबंधन सरकार को बुजुर्गों के साथ किया वादा पूरा करना चाहिए। आज के समय पर बुजुर्गों की 5100 पेंशन हो जानी चाहिए थी। आम आदमी पार्टी की राय है कि बुढ़ापा पेंशन को लेकर सरकार जो वादा करेगी, उसको पूरा किया जाएगा। पार्टी चुनाव के समय पर अपने मेनिफेस्टो में जो पेंशन गारंटी देगी उसे सरकार बनते ही पूरा किया जाएगा।
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