इंडिया न्यूज हरियाणा, पानीपत
Pollution In Haryana : प्रदूषण के कारण प्रदेश की हालत खराब है। सबसे अधिक बुरा हाल पानीपत का है। इसके अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर और सोनीपत में प्रण के कारण कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियों को बंद करना पड़ा था। उस समय थोड़ा बहुत विरोध भी झेलना पड़ा था। इंडस्ट्रियल एरिया से लेकर बाहरी कालोनियों में चल रही फैक्ट्रियों की चिमनियों ने काला धुआं उगला।
इस वजह से प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक पर प्रदूषण का स्तर 301 तक उच्च पहुंच गया। यह बेहद खराब की श्रेणी में आता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब एनएफएल, थर्मल की तरफ पानी का छिड़काव शुरू करा दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल आफिसर कमलजीत सिंह का कहना है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
नवंबर के महीने में ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। सुबह और शाम को स्माग की चादर बिछने लगी है। इस वजह से आंखों में जलन होने लगी है। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर खतरनाक है। बच्चों और बुजुर्गों को दिक्कत बढ़ सकती है। बाहर न निकलें।
थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जा सकता है। पानीपत के थर्मल पावर प्लांट में दो यूनिट चल रही हैं, जिनमें पांच सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। बिजली के उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है। प्रदेश सरकार इसे बंद करने का फैसला ले सकती है। बिजली कहीं और से खरीदी जा सकती है।
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नगर निगम की मेयर अवनीत कौर भी मैदान में उतरी हैं। जगह-जगह पर पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एनएफएल और आसपास के एरिया में धूल पर पानी की बौछार की जा रही है। मेयर का कहना है कि सड़क पर जिन्होंने इमारत की निर्माण सामग्री रखी है, उसे हटा लें। अगर नहीं हटाई तो कार्रवाई की जा सकती है। नगर निगम की ओर से नोटिस दिया जा सकता है। जुमार्ना लग सकता है।
एनएफएल, सनौली रोड और आइओसीएल में पानी का छिड़काव किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ कमलजीत ने बताया कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी की बौछार कराई गई है। यह काम लगातार जारी रहेगा। वहीं ईंट-भट्ठे चेक किए गए। सभी बंद थे। आगामी आदेश तक भट्ठे बंद रहेंगे। फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया गया। अगर कहीं काला धुआं निकलता दिखा तो जुमार्ना लगाया जाएगा।
सेक्टर 29, पार्ट-2 स्थित कुछ डाई हाउस नियम नहीं मान रहे। चिमनियों से काला धुआं निकल रहा है। कुछ जगहों पर तो रबर, वेस्ट तक जलाई जा रही है। आरओ कमलजीत का कहना है कि धुआं काला नहीं निकलना चाहिए। अगर ऐसा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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