India News (इंडिया न्यूज़), PGI Rohtak, चंडीगढ़ : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआईएमएस) मोर्चरी हाउस रोहतक में अब वर्चुअल ऑटोप्सी के जरिये पोस्टमार्टम किया जाएगा। ऐसा करने वाला यह उत्तर भारत का पहला संस्थान होगा जहां बिना चीरा लगाए पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। अभी तक की बात की जाए तो इस तकनीक से शवों का पोस्टमार्टम भारत में केवल गोवा में किया जा रहा है। अब यह सुविधा हरियाणा में भी शुरू होने जा रही है।
पीजीआईएमएस के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में उक्त संस्थान तैयार करने में लगभग 12 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। इसके साथ ही एक केमिकल लैब भी लगाई जाएगी, जिसमें जहर का भी पता लग सकेगा। आपको बता दें कि रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम के लिए शव केवल रोहतक से ही नहीं बल्कि जींद, भिवानी, दादरी, झज्जर और रेवाड़ी से भी आते हैं।
रोहतक पीजीआई में वर्ष में लगभग 7 हजार के आसपास पोस्टमार्टम किए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि पोस्टमार्टम के बाद शव की हालात इतनी खस्ता हो जाती थी कि आम व्यक्ति इसे देख भी नहीं सकता था। अब नई तकनीक से शव का आसानी से पोस्टमार्टम किया जा सकेगा।
पीजीआईएमएस रोहतक में फोरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके धत्तरवाल ने कहा कि वर्चुअल ऑटोप्सी से अब शव की चीरफाड़ रूक जाएगी, पूरे शरीर पर चीरा लगाने की जरूरत नहीं होगी। जहां गोली होगी, वहीं से निकाला जा सकेगा। इसके अलावा जहर के मामले में प्रभावित अंग आसानी से देखा जा सकेगा।
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