इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Punjab Sacrilege Case: अमृतसर (amritsar) के स्वर्ण मंदिर (golden temple) में हुई ‘बेअदबी’ की घटना (Golden temple lynching) के बाद से पंजाब में तनाव का महौल है। ऊपर से पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बता दें कि अमृतसर में बीते शनिवार को दरबार साहिब के प्रतिबंधित घेरे में एक युवक घुस गया और उसने (कृपाण) उठा ली। इसके बाद उसकी पिटाई हुई और उसकी मौत हो गई। वहीं, दूसरे दिन कपूरथला (Kapurthala Gurdwara) में एक शख्स पर निशान साहिब की बेअदबी (Punjab sacrilege case) का आरोप लगा। उसकी भी पिटाई के बाद मौत हो गई। इस मामले में जानकारों का कहना है कि कहीं ‘2022’ के लिए ‘2015’ वाली ‘बहबल कलां’ की घटना का दोहराव तो नहीं है।
sacrilege case: सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु की उपाधि दी गई है। गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth sahib) को लिविंग गुरु (हमेशा के लिए अमर) माना गया है। इस ग्रंथ को गुरु का दर्जा मिला है तो जैसे गुरु का अपमान करना अपराध है। वैसे ही गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करना भी अपराध माना जाता है।
गुरु ग्रंथ साहिब जहां रखी जाती है, उस पवित्र गुरुद्वारे को नुकसान पहुंचाना भी बेअदबी है। गुरु गोबिन्द सिंह कृपाण रखते थे और पगड़ी बांधते थे। इसलिए सिख धर्म में इन दोनों चीजों को पवित्र माना गया है। इनसे छेड़छाड़ को भी बेअदबी माना जाता है। गुरु गोबिन्द सिंह के बताए रास्ते और उनके इतिहास को किसी तरह बदलने की कोशिश करना भी बेअदबी माना जाता है।
पंजाब (punjab) में बेअदबी के इस तरह के मामले में पंजाब पुलिस (police) आईपीसी की धारा 295 और 295ए के तहत केस (conspiracy) दर्ज करती है। पवित्र गुरुद्वारे को या वहां रखी किसी चीज के साथ तोड़ फोड़ करने के आरोप में दो साल की सजा होती है। धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के उद्धेश्य से कुछ किया जाता है तो तीन साल की सजा होती है। पंजाबी समुदाय के लोगों की मांग है कि गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी करने पर कम से कम 20 साल की सजा हो। पाकिस्तान में इस तरह के मामले में 10 साल की सजा दी जाती है।
फरीदकोट जिले के बहबल कलां में अक्टूबर 2015 में बेअदबी की घटना हुई थी। पवित्र श्री गुरु ग्रंथ के 110 अंग (पेज) फटे पाए गए थे। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। उग्र प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने गोली चलाई। इसमें दो लोग मरे थे। 2017 में अकाली दल (Akali Dal) और भाजपा (BJP) की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था। 2017 चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीट के साथ सरकार में वापसी की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से वादा किया था कि वह 2015 के मामले में न्याय दिलाएंगे, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ खास नहीं हुआ है।
sacrilege case: 2015 में फरीदकोट में बेअदबी का मामला सामने आने के बाद लोगों ने जमकर सरकार की आलोचना की। इसके बाद राज्य की भाजपा और अकाली दल की सरकार ने नए कानून के लिए नया सेक्शन 295एए जोड़ने के लिए एक बिल पास किया, लेकिन केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को संविधान की सेक्युलर भावना के खिलाफ बताकर ठुकरा दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर से 2018 में बिल पास कराया। इस बार सभी धर्म के बेअदबी को इसमें जोड़ा गया, लेकिन फिर से केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी को सबसे बड़ा अपराध माना गया है। औरंगजेब के कहने पर सिख धर्म के सातवें गुरु हर राय के बेटे राम राय पर गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी करने का आरोप लगा। इसके बाद हर राय ने बेटे राम राय को उत्तराधिकारी चुनने से इनकार कर दिया था।
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