नई दिल्ली। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल के मामले पुलिस ने 6-7 शूटर्स में से कुछ की पहचान कर ली है. पुलिस ने इस सिलसिले में मनप्रीत भाऊ नाम के एक शख़्स समेत कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. भाऊ पर शूटरों को गाड़ियां मुहैया करवाने का इल्ज़ाम है. इसके साथ ही सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस की इनसाइड स्टोरी भी सामने आ गई है-विक्की की हत्या से शुरू हुई प्लानिंग।
सिद्धू मूसेवाला की मर्डर की गुत्थी के बारे में समझने से पहले हमें 7 अगस्त 2021 की एक घटना याद करनी होगी. इस दिन गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के क़रीबी और अकाली नेता विक्की मिद्दूखेड़ा की दिन दहाड़े मोहाली में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने खुलासा किया कि विक्की के क़त्ल के पीछे एक पंजाबी सिंगर के मैनेजर का भी हाथ है।
ये जानकारी दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस से साझा की, लेकिन इससे पहले कि पंजाब पुलिस उस पंजाबी सिंगर के मैनेजर तक पहुंचती, वो ग़ायब हो गया. 10 अगस्त 2021 से ग़ायब वो मैनेजर कोई और नहीं बल्कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का अपना मैनेजर शगनप्रीत सिंह था. बाद में पता चला कि शगनप्रीत ऑस्ट्रेलिया भाग गया.तिहाड़ से लिखी गई कत्ल की पूरी स्क्रिप्ट।
बस शगनप्रीत के ऑस्ट्रेलिया भागने के साथ ही सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल की स्क्रिप्ट लिखी जानी शुरू हो गई. मगर लॉरेंस बिश्नोई को भी पता था कि सिद्धू की सुरक्षा काफी कड़ी होती है. पंजाब पुलिस के 8 बंदूकधारी चौबीसों घंटे उसके साथ होते हैं. ऊपर से वो बुलेटप्रूफ़ गाड़ी में ही घर से बाहर निकलता है. इसके साथ ही ख़ुद लॉरेंस विश्नोई तिहाड़ में बंद था।
तभी इस कहानी में एक नए किरदार की एंट्री होती है. गोल्डी बराड़. गोल्डी कनाडा में था. मगर कनाडा में होने के बावजूद लॉरेंस बिश्नोई का ज़्यादातर काम वही देख रहा था. लॉरेंस ने गोल्डी बराड़ तक मैसेज भिजवाया. इसके बाद काम को अंजाम देने के लिए शूटरों की तलाश शुरू हुई. मगर तब पंजाब में चुनाव का माहौल था. शाहरुख को दी गई थी मूसेवाला की सुपारी।
विधान सभा चुनाव होने थे और सिद्धू मूसेवाला ख़ुद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. ऐसे में सिद्धू मूसेवाला पर हमला, उल्टा पड़ सकता था. लिहाज़ा, गोल्डी बराड़ ने इंतज़ार करना बेहतर समझा. चुनाव ख़त्म हो चुका था और सिद्धू मूसेवाला चुनाव हार चुके थे. 8 महीने के इंतज़ार के बाद अप्रैल 2022 में गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की सुपारी दी।
सुपारी दिल्ली के गैंगस्टर शाहरुख को दी गई. शाहरुख लॉरेंस के लिए पहले भी काम कर चुका था. सुपारी लेने के बाद शाहरुख अप्रैल में ही पंजाब पहुंचा. वहां उसने सिद्धू मूसेवाला के गांव और घर की कई दिनों तक रेकी की. अब बस शाहरुख मौक़े की तलाश में था. मगर इससे पहले कि उसे वो मौक़ा मिलता, शाहरुख पकड़ा गया।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुखबिरों की सूचना पर कुछ पुराने केस के सिलसिले में उसे गिरफ्तार कर लिया था. कहते हैं कि गिरफ़्तारी के बाद पंजाब में उसकी मौजूदगी और उसकी मौजूदगी की वजह को लेकर जब दिल्ली पुलिस ने उससे पूछताछ की, तभी उसने सिद्धू मूसेवाला की सुपारी की बात बता दी थी।
उसने ये भी बता दिया था कि इसके पीछे लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ का हाथ है. अब ये जानकारी दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस से साझा की या नहीं, ये तो नहीं पता. लेकिन मानसा के एसएसपी से जब इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. एसएसपी ने कहा- नो कमेंट्स।
शाहरुख का यूं पकड़ा जाना लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के लिए एक धक्का था. प्लानिंग अधूरी रह गई थी. उन्हें इस बात का भी डर था कि शाहरुख के ख़ुलासे के बाद सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा और कड़ी हो जाएगी. लिहाज़ा, वो जल्द से जल्द इस काम को निपटाना चाहते थे. अब गोल्डी बराड़ ने नए शूटरों के टीम की तलाश शुरू कर दी।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग में दर्जनों शूटर हैं और ये शूटर अलग-अलग राज्यों से आते हैं. गोल्डी बराड़ ने आख़िरकार 6 से 7 शूटरों की एक नई टीम बनाई. इन शूटरों का काम सिर्फ़ गोली मारना था. हथियारों की डिलिवरी दूसरे ग्रुप को करनी थी. जबकि हमले के लिए जिन गाड़ियों का इस्तेमाल होना था वो काम किसी और टीम को सौंपा गया।
सारी तैयारी पूरी होने के बाद शूटर 26 और 27 मई को मानसा पहुंचते हैं. उनके पास दो गाड़ियां थीं. एक कोरोला और दूसरी बोलेरो. मानसा पहुंचने के बाद एक टीम सिद्धू मूसेवाला के गांव और घर के चप्पे चप्पे की रेकी करती है. वो सिद्धू मूसेवाला के हर मूवमेंट को जानना चाहते थे. कोरोला गाड़ी सिद्धू मूसेवाला के घर के आस-पास रेकी करती है।
29 मई 2022. इस दिन भी शूटरों ने मूसेवाला की रेकी की थी (punjabi singer sidhu moose wala murder case planning) इत्तेफ़ाक से इसी दिन से सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कम हो चुकी थी. पंजाब पुलिस ने दो बंदूकधारी सुरक्षा गार्ड वापस ले लिए थे. बाक़ी बचे चार गार्ड में से दो को रविवार को दूसरी जगह ड्यूटी पर भेज दिया गया था. अब सिद्धू मूसेवाला के घर पर सिर्फ़ दो सरकारी गनर थे।
सुरक्षा बेशक कम कर दी गई थी, लेकिन सिद्धू के पास अपनी बुलेटप्रूफ़ गाड़ी थी. वो जब भी घर से निकलते, उसी बुलेटप्रूफ़ गाड़ी में निकलते. शूटरों को पता था कि बुलेटप्रूफ़ गाड़ी को निशाना बनाना आसान नहीं होगा, लेकिन इस दिन कुछ अजीब बातें हुईं. सिद्धू ने कुछ वक़्त पहले ही नई थार गाड़ी ख़रीदी थी।
शाम क़रीब साढ़े चार बजे अपने एक बीमार रिश्तेदार को देखने जाना था. तय प्लान के तहत जाना बुलेटप्रूफ़ गाड़ी में ही था और दोनों सरकारी गन के साथ ही जाना था. सिद्धू तय वक़्त पर अपने कज़न गुरप्रीत सिंह और पड़ोसी गुरविंदर सिंह के साथ घर से निकलने के लिए तैयार हुए. ऐन वक़्त पर सिद्धू मूसेवाला ने बुलेटप्रूफ़ गाड़ी में बैठने से मना कर दिया।
सिद्धू ने कहा कि आज थार से चलते हैं. इसके बाद वो थार में बैठ गए. जब दोनों सरकारी गनर भी थार में बैठने लगे, तो सिद्धू ने ये कह कर उन्हें रोक दिया कि आप यहीं रुके, हम बस अभी लौट कर आते हैं. इसके बाद वो तीनों वहां से निकल गए. इत्तेफ़ाक से गांव में डेरा डाले जो शूटर सिद्धू की रेकी कर रहे थे।
अचानक उन्हें पता चला कि सिद्धू बुलेटप्रूफ़ गाड़ी की बजाय थार में बैठ कर वो भी बिना गनर के जवाहर-के की तरफ़ जा रहे हैं. दो गाड़ियों में सवार शूटरों के लिए ये ख़बर हैरान करने वाली थी. आनन-फानन में वो उसी रास्ते पर निकल पड़े. सिद्धू के घर से क़रीब 8 किलोमीटर दूर इनमें से एक गाड़ी ने सिद्धू की थार का रास्ता रोका।
दूसरी गाड़ी ने सीधे थार का निशाना लेकर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी. थार ख़ुद सिद्धू चला रहे थे. हमलावरों से घिरा देख सिद्धू ने डैश बोर्ड से अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाली और दो फ़ायर भी किए. लेकिन सामने रायफल गोलियां उगल रही थी. थोड़ी ही देर में सिद्धू बेसुध होकर ड्राइवर सीट पर ही लुढ़क गए।
चश्मदीद के मुताबिक, बाद में शूटरों ने बाक़ायदा थार का दरवाज़ा खोला और सिद्धू को टटोल कर देखा. इसके बाद जब उन्हें यकीन हो गया कि काम हो गया है, तब वो वहां से निकल पड़े. थोड़ी दूर जाकर उन्होंने कोरोला गाड़ी वहीं छोड़ दी और वहां से गुज़र रहे एक राहगीर की ऑल्टो कार गनप्वाइंट पर छीन कर फ़रार हो गए।
मानसा पुलिस के मुताबिक, शूटर दो ही गाड़ी में आए थे और उनकी तादाद छह से सात थी. पुलिस का कहना है कि इनमें से वो अब तक तीन शूटर की शिनाख़्त कर चुकी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला के क़ातिल शूटरों को लेकर उनके पास और भी कई जानकारी है, लेकिन जब तक वो पकड़े नहीं जाते, तब तक इस बारे में कुछ भी कहने बचेंगे।
इस बीच सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस एक और गिरफ्तारी हुई है. कुख्यात गैंगस्टर सराज सिंह उर्फ़ मिंटू अमृतसर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि मिंटू के इशारे पर वारदात में इस्तेमाल हुए वाहन मुहैया करवाए गए. पुलिस को आशंका है कि सराज के इशारे पर ही हत्याकांड में कुछ छात्रों को शामिल किया गया था।
सराज उर्फ मिंटू ने अक्टूबर 2017 में हिंदू नेता विपिन शर्मा की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. गैंगस्टर मिंटू कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गिरोह का खतरनाक गुर्गा है. हमले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का हाथ बताय़ा जा रहा है. पूछताछ के लिए मानसा पुलिस लॉरेंस को कस्टडी में लेने वाली है।
पंजाब पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए लॉरेंस बिश्नोई ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक अर्जी डाली है. लॉरेंस ने कोर्ट से मांग की है कि मूसेवाला मर्डर केस में उससे किसी भी तरह की पूछताछ दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही हो. उसे पूछताछ के लिए पंजाब ना भेजा जाए क्य़ोंकि इससे उसके जान को खतरा हो सकता है।
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