ईशिका ठाकुर, Haryana News (Quality Control Authority) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने सरकारी प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ संभावित भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए क्वालिटी कंट्रोल अथॉरिटी (Quality Control Authority) बनाने की घोषणा की है। यह अथॉरिटी समय-समय पर प्रोजेक्ट्स की चेकिंग करेगी और अगर कोई खामी पाई जाती है तो दोषी अधिकारियों को सजा दिलाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री करनाल में डॉ. मंगल सेन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे सिस्टम में वर्षों से भ्रष्टाचार नाम का दीमक अंदर तक घुसा है। हालांकि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कई ऐसे काम किए, जिससे इससे छुटकारा मिला। चाहे ट्रांसफर माफिया, इंजीनियरिंग निर्माण के काम में सांठगांठ, कांट्रेक्ट्रर या सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत आदि पर काफी हद तक लगाम लगाई है।
सरकार ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल बनाया है, जिससे सरकारी प्रोजेक्टस के आवंटन में पारदर्शी बढ़ेगी। अब निर्माण कार्य के टेंडर आनलाइन होंगे। इसके माध्यम से कांट्रेक्टर्स अपनी क्वोटेशन भर सकेंगे और उन्हें अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से भी इसमें सहयोग का आह्वान किया और कहा कि हम ऐसा तंत्र विकसित करेंगे जिसमें जनता प्रोजेक्ट्स की क्वालिटी, भ्रष्टाचार, मिक्सिंग या सब स्टैंडर्ड की जानकारी एक पोर्टल पर देगी। उस जानकारी की प्रारंभिक जांच की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो सरकारी नियमों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी, आवश्यकता पड़ी तो उस प्रोजेक्ट को दोबारा बनाया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सड़क, परिवहन व ढांचागत विकास की 174 परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए गए। इन परियोजनाओं पर 2000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी।
इस दौरान जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित हुए जिनमें उपमुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद एवं विधायक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस एतिहासिक अवसर पर कहा कि सरकार सबका साथ और सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए प्रदेश को और सशक्त बनाने के संकल्प पर आगे बढ़ रही है। सरकार का ध्येय है कि प्रदेश का कोई हिस्सा विकास परियोजनाओं से अछूता न रहे।
उन्होंने कहा कि विकास के कार्य एक जिले में नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहे हैं। देश के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण योगदान है जितना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा उतनी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, उद्योग आएगा, निवेशक आकर्षित होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की कहानी कहीं ना कहीं इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी है। इसलिए प्रदेश सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित होने वाले बजट में लगातार बढ़ोतरी की है। इस बार के बजट में 34.4 प्रतिशत बजट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने जिन परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए उनमें रैवेन्यू विभाग के 128 करोड़ रुपए के 9 प्रोजेक्ट्स, शिक्षा (एचएसएसपी) के 22 करोड़ रुपए के 6 प्रोजेक्ट्स, शिक्षा विभाग के 28 करोड़ की लागत के 7 प्रोजेक्ट्स, उच्च शिक्षा विभाग के 9 करोड़ की लागत के 2 प्रोजेक्ट्स, तकनीकी शिक्षा विभाग के 8 करोड़ रुपए के 2 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
वहीं एचवीपीएन, एचवीपीएन और यूएचबीवीएन के 375 करोड़ की लागत के 37 प्रोजेक्ट्स, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) के 439 करोड़ रुपए की लागत की 19 परियोजनाएं, हरियाणा राज्य सड़क और पुल विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 146 करोड़ रुपए की लागत के 2 प्रोजेक्ट्स, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के 101 करोड़ रुपए की लागत के 5 प्रोजेक्ट्स, सिंचाई विभाग के 168 करोड़ रुपए के 22 प्रोजेक्ट्स, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के 6 प्रोजेक्ट्स, स्वास्थ्य विभाग के 291 करोड़ रुपए के 15 प्रोजेक्ट्स, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान और विकास व पंचायत विभाग के एक-एक प्रोजेक्ट्स, विकास और पंचायत (पंचायती राज) के 4 प्रोजेक्ट्स, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग का एक, परिवहन विभाग के दो, शहरी स्थानीय निकाय और ऌरककऊउ के दो-दो प्रोजेक्ट्स, एचएसवीपी और कृषि विभाग के एक-एक, कृषि और मेवात विकास प्राधिकरण (एमडीए) के तीन प्रोजेक्ट्स शामिल है। इसके साथ ही करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड के 197 करोड़ की लागत के 11 प्रोजेक्टस शामिल हैं।
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