रादौर/कुलदीप सैनी
सब्जी उत्पादक क्षेत्र होने के बाद भी रादौर में अब तक सब्जी मंडी नहीं बनी है. गेंहू और धान के सीजन में अनाजमंडी में बनी अस्थाई सब्जी मंडी लगती है, सड़कों पर, आढ़तियों और किसानों को अनाज की उठाई करनी रडती है जिसके चलते परेशानी हो रही है, वहीं विक्रेताओं ने स्थाई सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग की है।
सब्जी का हब कहे जाने वाले रादौर में वर्षों के बाद भी स्थाई सब्जी मंडी नहीं बनाई गई है, जिससे न केवल किसानों को बल्कि आढ़तियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गेहूं और धान के सीजन में तो यह समस्या और विकराल हो जाती है, जब अनाजमंडी में चल रही अस्थाई सब्जी मंडी को बाहर कर दिया जाता है, जिस कारण आढ़तियों को सब्जी मंडी सड़क पर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
सब्जी आढ़ती से बात की गई तो उसने बताया, कि वे पिछले कई वर्षो से रादौर में स्थाई सब्जी मंडी बनाने की मांग हर सरकार से करते आ रहे है, लेकिन आश्वाशन के अलावा आज तक किसी ने कुछ नहीं दिया।
उन्होंने कहा की अनाजमंडी में अस्थाई तौर पर सब्जी की बिक्री की जा रही है, वहीं गेंहू और धान के सीजन में तो उन्हें मंडी से बाहर ही कर दिया जाता है, जिसके बाद उन्हें मजबूरी बस सड़क पर सब्जी की मंडी लगानी पड़ती है.
जिस कारण सड़क पर सब्जी मंडी लगाए जाने से सड़क पर जाम की स्तिथि बनी रहती है, उन्होंने कहा कि सरकार ने शहर में पार्क तो बनाए हैं, लेकिन सब्जी क्षेत्र के लिए आजतक मंडी का निर्माण नहीं किया गया।
आपको बता दें कि रादौर क्षेत्र में दर्जनों ऐसे गांव हैं, जोकि सब्जी की ही खेती करते हैं, और मंडी के आभाव में इन गांव के किसानों को अपनी सब्जी बेचने के लिए यमुनानगर और अन्य प्रदेशो की मंडियों का रुख करना पड़ता है।
ऐसे में सरकार को किसानों और आढ़तियों की इस समस्या को देखते हुए रादौर में सब्जी मंडी का निर्माण कर राहत देनी चाहिए।