इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), Rakesh Tikait karnal Visit, चंडीगढ़ : भारत के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत आज करनाल जाट धर्मशाला में किसानों से मिलने के लिए पहुंचे, जहां पर उन्होंने किसानों के कई मुद्दों पर मिलकर किसानों से बातचीत की और हरियाणा के किसानों की समस्याओं को सुना। राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हरियाणा में किसानों के साथ काफी नाइंसाफी हो रही है और उनकी धान की खरीद कोड़ियों के भाव पर की जा रही है। किसानों के साथ एक बड़ा घपला किया जा रहा है और यह सब सरकार के आदेशों के ऊपर ही हो रहा है।
आज हरियाणा में किसानों की धान की खरीद एमएसपी पर नहीं की जा रही, जबकि दूसरे राज्यों से बिहार और उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में धान हरियाणा में पहुंच रही है जहां हरियाणा के किसानों की धान को पूरे रेट में न खरीदकर उस धान को पूरे रेट में खरीदा जा रहा है। हजारों की संख्या में हर रोज दूसरे राज्यों से ट्रक यहां पर जीरी के आ रहे हैं जिससे हरियाणा के किसानों का हक मर रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के कई जिलों में धान खरीद के पोर्टल बंद पड़े हुए हैं, जिसे किसानों को काफी समस्या आ रही है यह जानबूझकर बंद किए गए हैं क्योंकि बैंक या अन्य दूसरी योजनाओं के सारे पोर्टल चल रहे हैं जबकि इस पोर्टल पर किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी बहुत सी समस्याएं हैं जिसके लिए आज हम यहां पर आए हैं।
टिकैत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पन्ना प्रमुख कार्यक्रम कर रही है लेकिन अब हम भी इकट्ठे होकर ट्रैक्टर प्रमुख कार्यक्रम करेंगे जिसमें जो भी किसान ट्रैक्टर ले रहा है उसका एक संगठन की तरफ से आइडेंटी कार्ड बनाया जाएगा और जब कभी किसानों को आंदोलन करने की जरूरत होगी तो भारी संख्या में ट्रैक्टर लेकर किसान सड़कों पर निकलेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जो किसान पिछले कई दशकों से किसानों के हित के लिए लड़ते आ रहे हैं, आने वाले समय में उनको भी सम्मानित करने का काम करेंगे।
जब उनसे कहा गया कि पांच राज्यों में चुनाव हैं इसके ऊपर क्या कहेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि पांचों राज्यों में इंडिया गठबंधन को मजबूती के साथ लड़ाई लड़नी होगी तभी भाजपा को हरा सकते हैं। बिना इकट्ठे हुए उसको नहीं हरा सकते और वहीं भाजपा की चालबाज नीति को भी इंडिया गठबंधन को काबू करना होगा, तभी उन पर जीत हासिल हो सकती है, क्योंकि यूपी में इन्होंने विधानसभा चुनाव में धोखेबाजी से कई सीटों को जीता है, वहीं कुछ नेता दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं तो इसके ऊपर उन्होंने कहा कि यह वाेटर का मन है जिसको जो ठीक लगता है उसको वहां जाना चाहिए लेकिन मैं नोटा का विरोध करता हूं। लोगों को किसी भी एक पार्टी को चुनना चाहिए जो उसको ठीक लगे और उसको वोट देना चाहिए।
उन्होंने एसवाईएल के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कोर्ट के आदेश आने के बाद भी दोनों राज्यों की लड़ाई जारी है सरकार इसमें कुछ नहीं कर रही लेकिन मैं दोनों राज्यों के किसानों से कहना चाहता हूं कि मिल बैठकर इसका हल निकालें, इसमें सभी किसानों का फायदा है। पानी से किसान अपनी पैदावार अच्छी ले सकता है और उसमें किसान का ही भला होता है लेकिन कुछ लोग आपस में लड़वाने का काम कर रहे हैं इससे उनको बचना चाहिए और दोनों राज्यों को मिल बैठकर इसका हल निकालना चाहिए।
एमएसपी के मुद्दे पर उन्होंने कहा अब इसके खिलाफ अगर किसान आंदोलन करेंगे तो छोटा आंदोलन नहीं होगा अब किसानों को इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करना होगा तभी हमको एमएसपी मिल सकती है। हमने पहले भी इसके लिए आंदोलन करके देखे हैं लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला, लेकिन अब अगर होगा तो एक बड़ा आंदोलन देश में एमएसपी के खिलाफ होगा।
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