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Former MLA Randhir Singh Samalkha : पानीपत जिले के समालखा विधानसभा क्षेत्र के ‘सबसे पहले विधायक’ रणधीर सिंह का निधन 

• LAST UPDATED : July 8, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Former MLA Randhir Singh Samalkha : पानीपत जिले के समालखा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रणधीर सिंह का निधन हो गया। वे दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार पानीपत के श्मशान घाट में दोपहर 3 बजे किया गया।  रणधीर सिंह ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए। उनके दामाद चांद ढांडा ने बताया कि रणधीर सिंह का निधन 89 वर्ष की आयु में हुआ।

पूर्व विधायक चौधरी रणधीर सिंह के अंतिम संस्कार में जिला सेशन जज सुदेश कुमार शर्मा, जिला बार के प्रधान अमित कादियान, पूर्व प्रधान प्रकाश गाहल्याण, पूर्व प्रधान उमेद सिंह अहलावत, कांग्रेस नेता बिक्रम शाह, इंस्पेक्टर निगमेंद्र ग्रेवाल, जोगेंद्र राठी, राजपाल चौहान, संजय गाहल्याण आदि सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया।

Former MLA Randhir Singh Samalkha : एक ही रात में दो पार्टियों में शामिल होकर बटोरी थी सुर्खियां

वे पहली बार 1967 में विधायक बने थे, जो राज्य गठन के बाद का पहला चुनाव था। वहीं जिला बार के सबसे वरिष्ठ वकील थे। हविपा की सरकार के दौरान भी वे जिला प्रभारी रहे थे। उन्होंने राजनीति में ‘आया राम गया राम’ की संस्कृति को भी देखा, जो राज्य में 1966 में शुरू हुई थी। रणधीर सिंह ने एक ही रात में दो पार्टियों में शामिल होकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि उनका पहला कार्यकाल सिर्फ एक साल का ही रहा।

अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दिए

रणधीर सिंह पांच बच्चों के पिता थे। उनके एक बेटा और चार बेटियां हैं। उनकी पत्नी रोशनी देवी भी बुजुर्ग हैं और गृहिणी हैं। उनका बेटा तेजेंद्र पहले पानीपत के शहरी विधायक बलबीर पाल शाह के पीए थे और अब दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं और कोचिंग देते हैं। उनकी चारों बेटियों की शादी हो चुकी है। रणधीर सिंह का जीवन राजनीति के साथ-साथ अपने परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दिए।

यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी

उनके निधन से परिवार में शोक की लहर है। वे हमेशा अपने काम और नेक विचारों के लिए याद किए जाएंगे। उनका योगदान समाज और राजनीति में अमूल्य था। उनके निधन से समालखा विधानसभा क्षेत्र ने एक सच्चा नेता खो दिया है। रणधीर सिंह की जीवन यात्रा उनके संघर्ष, समर्पण और सफलता की कहानी है। उन्होंने कई बार कठिनाइयों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनकी जीवनशैली और विचारधारा हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगी। उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।

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