डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Ration Scam, चंडीगढ़ : देश की बढ़ती आबादी कई तरह की परेशानियों का सबब है। देश की कुल जनसंख्या में एक बड़ा तबका गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से करोड़ों गरीबों को सब्सिडी पर राशन मुहैया कराया जाता है। सरकार फूड सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर कम दाम पर लोगों को अनाज देती है। हरियाणा में भी नियमित पैमानों को फॉलो करते हुए गरीब तबके के लोगों को राशन डिपो के जरिए राशन उपलब्ध करवाया जाता है। लेकिन इस दौरान राशन डिपो धारकों द्वारा राशन वितरण को लेकर कई तरह की अनियमितताएं भी पाई जाती हैं।
आधिकारिक आंकड़ों में सामने आया कि हरियाणा में 10 से 15 फीसदी डिपो धारकों द्वारा निरंतर अनियमितताएं बरती जा रही हैं। ये भी निरंतर सामने आ रहा है कि डिपो धारकों ने राशन चोरी के लिए ऐसे लोगों के भी नाम रिकाॅर्ड में चढ़ा रखे हैं, जिनका संबंधित कार्ड भी नहीं है। काफी लोग तो ऐसे हैं, जिनका कार्ड धारक की जाति से भी कोई संबंध नहीं है। केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लोगों को मुफ्त में राशन देने का फैसला किया है। योजना के लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। राशन डिपो के माध्यम से इस अनाज का वितरण किया जा रहा है।
अनियमितता बरते रहे डिपो धारकों पर शिकंजा कसने के लिए फूड एंड सेफ्टी अधिकारियों ने पांच साल में लगातार इंस्पेक्शन किया। साल 2019 से लेकर 2023 तक की अवधि में कुल 2808 बार अलग-अलग जिलों में इंस्पेक्शन किया है। इस लिहाज से हर साल औसतन 561 इंस्पेक्शन किए गए।
इस दौरान पाया गया कि व्यापक पैमाने पर डिपो धारक नियमों की धज्जियां उड़ाते मिले। सभी जिलों में कुल 310 डिपो धारक नियमों की अवहेलना करते मिले। दोषियों के खिलाफ एफआईआर के अलावा कई जगह लाइसेंस भी सस्पेंड किए गए हैं। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वाले कई राशन डिपो पर राशन की सप्लाई भी रोक दी गई है।
आधिकारिक आंकड़ों में सामने आया कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और यमुनानगर में डिपो धारकों ने सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा किया। पांच साल की अवधि में गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 54 डिपो धारक नियमों की अवहेलना करते पाए गए। वहां आधा दर्जन से ज्यादा डिपो धारकों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए।
इसके अलावा फरीदाबाद में 43 डिपो धारक नियमों को तोड़ते पाए। यमुनानगर में 41 और नूंह में 31 डिपो धारक अनियमितता बरतते पाए। इस लिहाज से कुल में से 50 फीसदी से ज्यादा डिपो धारक नियम तोड़ते हुए इन चार जिलों में पाए गए हैं। हिसार में 21, पलवल में 17 और नारनौल में 16 डिपो धारकों पर कार्रवाई की गई है। बाकी मामले में अन्य जिलों में रिपोर्ट हुए हैं।
अन्य सरकारी योजनाओं की तरह वर्तमान योजना व प्रणाली में भी गड़बड़ियां रिपोर्ट हो रही हैं। कई बार या तो राशन मिल नहीं पाता या फिर कम वजन और क्वालिटी से जुड़ी दिक्कतें सामने आती हैं। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें लोग शिकायत करते हैं कि डीलर ने उन्हें राशन देने से मना कर दिया। वहीं कई बार वजन कम रहने या क्वालिटी खराब होने की शिकायतें भी सामने आती हैं। डिपो पर गेहूं, चीनी, सरसों का तेल और बाजरा उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा कई जगह ऐसे मामले में सामने आते हैं कि जब संबंधित व्यक्ति की मौत हो जाती है लेकिन उनके नाम का राशन डिपो धारक डकार रहे हैं। ऐसा करने वाले डिपो धारकों के खिलाफ सीएम विंडो पर शिकायतें भी आ रही हैं।
पूर्व में हरियाणा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बड़ा राशन घोटाला सामने आने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। हरियाणा में मृतकों के नाम पर राशन लेकर अधिकारी डकार गए थे, जिसके चलते मामले में याचिका दाखिल हुई थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को भी कहा। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गरीबों और मृत व्यक्तियों के नाम पर भी राशन डकारे जाने वाले डिपो होल्डर और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की हिदायत दी थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को ये नोटिस कुरुक्षेत्र के दो गांव के 9 नागरिकों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की थी।
अगर आपको भी डिपो धारक राशन नहीं दे रहा या फिर ज्यादा पैसे चार्ज कर रहा है या फिर राशन को लेकर किसी और तरीके का घोटाला कर रहा है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। शिकायत ऑनलाइन भी की जा सकती है। साथ ही टोल फ्री नंबर के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराई जा रही है। हर राज्य के लिए टोल फ्री नंबर अलग-अलग हैं। बता दें कि टोल फ्री नंबर : 1800-180-2087 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा, चंडीगढ़ के मुख्यालय में राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन भी स्थापित की थी। राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन 12 अगस्त, 2013 से अस्तित्व में आई है। उपभोक्ता इन नंबरों पर डायल कर अपनी समस्याओं के निवारण के लिए टेलीफोन पर परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
हरियाणा में रिपोर्ट की गई अनियमितताओं से संबंधित डाटा
जिले अनियमितताओं के मामले
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