India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kurukshetra University : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव ‘रत्नावली’ का आगाज आज शुक्रवार को हुआ। यह चार दिवसीय समारोह 28 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें 34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र कलाकार हिस्सा लेंगे। उद्घाटन अवसर पर एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ. बी सी रमन्ना रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. विवेक चावला ने बताया कि रत्नावली समारोह का उद्देश्य युवाओं को हरियाणा की समृद्ध संस्कृति से रूबरू कराना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हरियाणवी परिवेश के विभिन्न रंगों को दर्शकों के सामने लाया जा रहा है।
इस वर्ष रत्नावली में हरियाणा की लोक संस्कृति, लोक कला, और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कई गतिविधियां शामिल की गई हैं। इनमें सॉन्ग, रागनी, हरियाणवी डांस, सामाजिक मुद्दों पर नाटक, हरियाणवी फैशन शो, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, देसी खानपान, स्वदेशी कौशल प्रदर्शनी, लूर, खोडिया धमाल, फागण और रसिया नृत्य शामिल हैं। उत्सव में प्रदर्शनी के लिए लगभग 50 हाट भी लगाई गई हैं, जहां विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है। दर्शकों का कहना है कि रत्नावली में हरियाणवी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, और वे इस समारोह का हिस्सा बनकर आनंदित महसूस कर रहे हैं।
हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण व युवाओं को व्यवसाय से जोड़ने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का रत्नावली महोत्सव बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस महाकुंभ में जहां युवा पीढ़ी अपनी धरोहर व संस्कृति से रूबरू हो रही हैं, वहीं युवा अपने स्वयं के उत्पादों को क्राफ्ट मेले में प्रदर्शित कर स्वावलम्बी भारत का सपना साकार कर रहे हैं। यह विचार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के निदेशक प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 37वें राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहुंचने पर प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी, विशिष्ट अतिथि केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल व राष्ट्रपति अवार्डी प्रेम देहाती का कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने उनका ढोल नगाड़ो व हरियाणवी लोकधुनों के साथ स्वागत व अभिनंदन किया। इसके बाद सभी अतिथियों व अधिकारियों ने सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत् रूप से महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी ने कहा कि यह महोत्सव जहां हरियाणवी संस्कृति को समृद्ध करने का कार्य कर रहा है, वहीं एक दूसरे से संवाद कायम करने के साथ-साथ छात्रों को नई चीजें सीखने के लिए भी प्रेरित करता है। नृत्य व संगीत से जहां भगवान की प्राप्ति होती है वहीं छात्रों में रचनात्मक कौशल का भी विकास होता है। सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि रत्नावली महोत्सव 1985 में 8 विधाओं व 300 कलाकारों के साथ आरंभ हुआ था और यह यात्रा अब 34 विधाओं और 3000 से अधिक युवा कलाकारों के साथ हरियाणवी संस्कृति को देश-विदेश में समृद्ध करने के साथ एक नई पहचान भी दिला रहा है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी संस्कृति को सहेजने का प्रयास कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप हरियाणवी पॉप सांग व आर्केस्ट्रा सहित अन्य विधाओं को शुरू करने के साथ पुरानी विधाओं को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसने सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। खेलों के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश भर में तीसरे स्थान पर है व संस्कृति के क्षेत्र में सरकारी विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पर हैं।
उन्होंने कहा कि रत्नावली महोत्सव में देश को कई बड़े कलाकार दिए हैं। इसी मंच से महान गजल गायक जगजीत सिंह, प्रसिद्ध कलाकार यशपाल शर्मा, मेघना मलिक सहित अन्य बड़े कलाकार निकले हैं। पानीपत की छात्रा हिती ने वेलकम हरियाणा व एसडी कॉलेज, पानीपत के छात्रों ने हरियाणा के पारंपरिक लोकनृत्य लूर की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति अवार्डी प्रेम देहाती ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने इस महोत्सव में उन जैसे कलाकार को जो सम्मान दिया है वो उसको कभी भुला नहीं सकते।
हरियाणवी संस्कृति के उत्थान व संरक्षण में विश्वविद्यालय बेहतरीन कार्य कर रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने रत्नावली महोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि किस प्रकार चार दिनों तक रत्नावली महोत्सव चलेगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. जगदीश गुप्ता ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि रत्नावली महोत्सव किसी परिचय का मोहताज नहीं। यह ऐसा मंच है जहां युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।
रत्नावली महोत्सव 2024 में धरोहर हरियाणा संग्रहालय के सौजन्य से हरियाणा के समृद्ध किसान परिवार की झांकी प्रस्तुत की गई जिसके माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी के जन्म पर छठी मनाओ एवं हम विश्वास दिलाते हैं पराली न जलाने की कसम खाते हैं का महत्वपूर्ण एवं आधुनिक संदेश देने का कार्य किया। इस पर धरोहर से डॉ कुलदीप सिंह आर्य ने खीर, बाकली, गुड़, शक्कर से अतिथियों का मुंह मीठा करवाया।
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