India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Elections : हरियाणा विधानसभा में बेशकर भाजपा 48 सीटें हासिल कर पूर्ण बहुमत से सरकार बना चुकी है लेकिन बाकी बची 42 सीटों पर उसकी हार के आखिर क्या कारण रहे, इस पर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। जी हां, प्रदेश में भाजपा ने 48 विधानसभा सीटें जीतीं, लेकिन पार्टी राज्य में हारी हुई 42 विधानसभा सीटों पर हार के कारण तलाशकर कमियां दूर करने की दिशा में काम करने जा रही है। भविष्य में इन हारी हुई सीटों पर जीत का परचम फहराया जाएगा।
वहीं आपको बता दें कि हरियाणा भाजपा ने गत वर्षों की अपेक्षा साल 2024 के विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें जीती हैं। इस बार के चुनाव में पार्टी को 42 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इन्हीं हारी सीटों पर रिपोर्ट तैयार की गई है। हारे प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया गया और उसके आधार पर ही प्रदेश भाजपा इकाई ने उक्त रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है।
भाजपा को कई सीटों पर भीतरघात का नुकसान उठाना पड़ा है। यह रिपोर्ट भी सामने आई कि यदि चुनाव में कुछ सीटों पर फोकस करने की बजाय इन सीटों पर भी ध्यान दिया जाता तो नतीजे 48 सीटों पर जीत से अधिक हो सकते थे।
सामने यह भी आ रहा है कि कहीं न कहीं किसानों और जाटों की नाराजगी भी पार्टी को निराशा दे गई है। सिरसा, रोहतक और फतेहाबाद में जाट और किसान भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। इन सीटों पर सिख मतदाता भी हताश दिखे। कुछ सीटों पर टिकटों का सही वितरण भी हार का कारण सामने आया है। मेवात की तीनों सीटों पर बीजेपी कमल नहीं खिला पाई, नूंह दंगे भी बड़े कारण थे।
वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली 13 से 21 नवंबर तक पूरे प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रवास प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। इस एक सप्ताह में पार्टी का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को भाजपा से जोड़कर 50 लाख सदस्यों का टारगेट हासिल करना है।