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Sahibzade Martyrdom : दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी व उनका परिवार बुलंद हौंसले की अद्वितीय मिसाल : जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल

BY: • LAST UPDATED : December 27, 2024
  • घर-घर में बच्चों को गुरबाणी और इतिहास से जोड़ें : जत्थेदार भूपिंदर सिंह

  • यादगार गुरुद्वारा डेहरा साहिब असंध में हुआ शहीदी समागम

प्रवीण वालिया, India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sahibzade Martyrdom : सरबंशदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजर कौर, चार साहिबजादों व समूह शहीदों की याद में सफर-ए-शहादत के तहत यादगार गुरुद्वारा डेहरा साहिब असंध में शहीदी समागम करवाया गया।

हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध और शिरोमणि अकाली दल (आजाद) के प्रधान एवं धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के दिशा-निर्देश पर करवाए गए इस समागम में श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब के हजूरी रागी भाई दविंदर सिंह, भाई जसकरण सिंह हजूरी रागी पटियाला वाले, गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने वैरागमयी शब्द कीर्तन किया।

Suman Saini Vice President : जत्थों ने संगत को शहीदी व गुरु इतिहास से जोड़ा

वहीं भाई सुखचैन सिंह शीतल जत्थे ने ढाडी वारों से संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा। इसके साथ ही गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी ज्ञानी मुखत्यार सिंह, हजूरी रागी लखविंदर सिंह, ज्ञानी अवतार सिंह, धर्म प्रचार के प्रचारक ज्ञानी कोमल सिंह, ज्ञानी सतविंदर सिंह और धर्म प्रचार के ढाडी जसबीर सिंह के जत्थे ने भी संगत को शहीदी व गुरु इतिहास से जोड़ा।

सभी साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लें

हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि घर-घर में बच्चों को सिखी, गुरबाणी व इतिहास से जोड़ा जाए। इसके लिए हमें बच्चों को साहिबजादों का इतिहास सुनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धा साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेना है।

संगत को स्वयं भी साहिबजादों से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को नितनेम व गुरमत से जोड़ने के साथ-साथ धर्म के प्रति अडिग बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह साहिबजादों ने छोटी सी उम्र में भी अपने धर्म व कौम के प्रति समर्पण दिखाते हुए निडरता का परिचय दिया है, उसका आज तक कोई सानी नहीं है।

साहिबजादें धर्म-कौम के प्रति अडिग और निडर, निर्भय व अदमय साहस की मूर्त

धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने संगत के दर्शन करते हुए कहा कि दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी व उनके परिवार का हौंसला अडिग रहा। शहीदी देने से न कतराते हुए उन्होंने मानव जाति के समक्ष हर कठिनाई में बुलंद हौसले की अद्वितीय मिसाल पेश की। जत्थेदार दादूवाल ने संगत से गुरु साहिब की तरह हर कठिनाई में अपना हौंसला बुलंद रखने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि साहिबजादें धर्म-कौम के प्रति अडिग और निडर, निर्भय व अदमय साहस की मूर्त हैं। अपने अदमय साहस और धर्म के प्रति परिपकवता आज दुनिया के लिए मिसाल है। साहिबाजदों से हम सब को सिखी को संभालने एवं अपने धर्म के प्रति अडिग रहने की सीख मिलती है, जिसे जीवन में आत्मसात करना चाहिए। जत्थेदार दादूवाल ने सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज द्वारा, माता गुजर कौर व साहिबजादों की शहीदी का इतिहास संगत से सांझा किया।

उन्होंने कहा कि दशमेश पिता जी ने अत्याचार के खिलाफ, देश व कौम की रक्षा करने के लिए अपना सारा परिवार कुर्बान कर दिया। हमें गुरु साहिब, माता गुजर कौर व साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को भी ऐसी परवरिश देनी चाहिए।

इन जत्थों ने भी लगााई अपनी हाजिरी

इससे पहले जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, शिरोमणि अकाली दल (आजाद) के प्रधान एवं धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, संयुकत सचिव गुलाब सिंह मुनक, कार्यकारिणी समिति मैंबर जत्थेदार जगसीर सिंह मांगेआना, मैंबर दविंदर सिंह हाबड़ी, इंदरजीत सिंह वासुदेवा, हरबंस सिंह कडक़ौली, सतिंदर सिंह मंटा रसीदां, हरियाणा कमेटी के पूर्व प्रवकता कवलजीत सिंह अजराना, नरेंद्र सिंह गिल, चरणजीत सिंह टक्कर अंबाला, चीफ  सैकेटरी जसविंदर सिंह दीनपुर, धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, एडिशनल सैकेटरी सतपाल सिंह ढाचर, उपसचिव रूपिंदर सिंह, अमरिंदर सिंह, मैनेजर हरमीत सिंह, जगमीत सिंह बराड़, पीए बलजीत सिंह, धर्म प्रचार  प्रभारी गुरपेत सिंह, सुपरवाईजर वजिंदर सिंह, आईटी विंग प्रभारी हरकीरत सिंह, धर्म प्रचार से कुलदीप सिंह समेत भारी गिनती में संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष हाजिरी लगाई।

स्कूली विद्यार्थियों ने साहिबजादों को किया नमन…

Sahibzade Martyrdom

समागम में गुरु अर्जुन देव स्कूल और हिमालय पबलिक स्कूल की छात्राओं ने कविता के माध्यम से दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज व साहिबजादों को नमन किया। गुरु अर्जुन देव स्कूल की छात्राओं ने जो पुत्त ने गुरु गोबिंद सिंह जी दे, ओ कदे मौत तों डरते नहीं… और वाटां लम्मियां ते रस्ता पहाड़ जिया… तथा हिमालय पबलिक स्कूल की छात्राओं ने गुरुां के लाल चल्ले पाऊन शहीदी… कविता के जरिए शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके साथ ही धर्म प्रचार के भाई गुरमीत सिंह दनौली के कविशरी जत्थे ने बाजां वाले गुरु नूं नमस्कार, जिस ने भारत वर्ष तों वार दित्ता पूरा परिवार… पंकितयों से साहिब-ए-कमाल को नमन किया।

ना उडीकी दादिये अस्सी मुड नहीं आना…

ना उडीकी दादिये अस्सी मुड नहीं आना…इन पंकितयों को जैसे ही गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने जब गुरु साहिब के साहिबजादों को याद किया, तो दीवान हाल में सारी संगत की आंखें नम हो गईं। जत्थे ने संगत से अपने बच्चों को गुरु इतिहास व गुरबाणी से जोडऩे का भी आह्वान किया। इसके साथ ही भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने वैरागमयी कीर्तन किया।