होम / School Open: 35 सरकारी स्कूलों में नहीं हैं प्रिंसिपल, अब कैसे चलेंगे स्कूल ?

School Open: 35 सरकारी स्कूलों में नहीं हैं प्रिंसिपल, अब कैसे चलेंगे स्कूल ?

• LAST UPDATED : July 17, 2021

अंबाला/ अमन कपूर

देश और प्रदेश में बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में गिरावट देखी जा रही है, जिस कारण बच्चों के भविष्य को अनदेखा न करते हुए स्कूल भी खोले गए हैं, इसी बीच अंबाला में शिक्षा विभाग की चिंताएं भी बढ़ गयीं हैं, अंबाला में  35 स्कूल ऐसे हैं , जिनमें स्कूल की व्यवस्थाएं देखने के लिए  प्रिंसिपल ही नहीं हैं।

 

कोविड के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं जिस कारण बीती 16 तारीख से प्रदेश में 9वींं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल भी खुल चुके हैं,  हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी एक पुरानी समस्या रही है, वहीं अंबाला के 35 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां पर प्रिंसिपल अप्वॉइंट नहीं हैं,  ऐसे में उन स्कूलों की शिक्षा प्रणाली और व्यवस्थाओं पर असर पड़ना लाजमी है, क्योंकि ऐसे स्कूलों के स्टाफ को एक्सट्रा काम करने पड़ते हैं । व्यवस्थाएं न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ता है, इस बारे में जब अंबाला जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ‘अभी हमारे 35 स्कूलों में  प्रिंसिपल के स्थाई पद खाली हैं, उन स्कूलों में हमने सबसे वरिष्ठ अध्यापक को प्रिंसिपल का कार्यभार दिया हुआ है’, विभाग की तरफ प्रिंसिपल के लिए नाम मांगे थे, जो हमने निदेशालय को भेज दिए हैं उम्मीद है जल्द ही ऐसे स्कूलों को नए प्रिंसिपल मिल जाएंगे।

अंबाला के जिन स्कूलों में प्रिंसिपल पद खाली हैं उनमें से कुछ स्कूलों में दूसरे सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को एडिशनल चार्ज दिया गया  है, अंबाला शहर के प्रेम नगर स्तिथ सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल रामचंद्र के पास कांवला सरकारी स्कूल का भी एडिशनल चार्ज है,  रामचंद्र ने बताया कि कांवला सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल का पद काफी समय से खाली है, जिसके कारण वहां की जिम्मेदारी भी उनके पास है, दोनों स्कूलों की व्यवस्था देखने मे काफी दिक्कतें आती हैं,  क्योंकि दोनों बड़े स्कूल हैं लेकिन विभाग के आदेश के चलते उन्हें जिम्मेदारी  निभानी पड रही है, अगर स्थाई प्रिंसिपल हो तो इससे स्कूल व्यवस्था में काफी फायदा मिलता है।

हमारी टीम ने अंबाला के कई ऐसे सरकारी स्कूलों का दौरा किया जहां पर स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं,  वहीं अंबाला का एक स्कूल ऐसा भी मिला जहां पर प्रिंसिपल,क्लर्क,स्वीपर,चौकीदार,चपरासी ही नहीं हैं, तो ऐसे में स्कूल की शिक्षा प्रणाली और व्यवस्था पर असर पड़ता है, स्कूल के ही एक अध्यापक ने बताया कि न तो स्कूल में प्रिंसिपल है न चपरासी है, ऐसे में व्यवस्था में दिक्कत आती है वहीं उन्हें साफ सफाई खुद के पैसे खर्च कर करानी पड़ती है।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox