बैठक में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, राज्यसभा सांसद अजय माकन और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव की उपस्थिति विधायकों की राय ली गयी। बैठक की शुरुआत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने यह मांग की कि एआईसीसी को विपक्ष के नेता के चयन का अधिकार सौंपा जाए। इस प्रस्ताव को सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
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बैठक के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा सभी विधायकों से व्यक्तिगत रूप से उनकी राय ले ली गई है। अब यह रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी जाएगी और कांग्रेस नेतृत्व ही विपक्ष के नेता का अंतिम चयन करेगा। विपक्ष के नेता पद के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक अरोड़ा को इस दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है, जबकि कुमारी सैलजा के खेमे से पंचकूला के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे चंद्र मोहन बिश्नोई का नाम भी चर्चा में है।
विनेश फोगाट ने बैठक के बाद कांग्रेस के रुख को साफ करते हुए कहा, “कांग्रेस विपक्ष की भूमिका को पूरी मजबूती से निभाएगी। हम जनता के हितों, महिलाओं की सुरक्षा और खेल जगत के विकास के लिए सरकार को जवाबदेह बनाएंगे। हरियाणा और देश को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए हम ठोस योजनाओं की पैरवी करेंगे।” अब सभी की निगाहें कांग्रेस हाईकमान की ओर हैं, जो आने वाले दिनों में विपक्ष के नेता की घोषणा करेगा।