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Shahpur Village karnal जल प्रबंधन में शाहपुर मिसाल, थ्री पोंड ने बदली गांव की तस्वीर

• LAST UPDATED : January 29, 2022

Shahpur Village karnal जल प्रबंधन में शाहपुर मिसाल, थ्री पोंड ने बदली गांव की तस्वीर

करनाल, इशिका ठाकुर:

Shahpur Village Of Karnal : शाहपुर गांव (Shahpur Village) जल प्रबंधन में प्रदेश में एक मिसाल बन गया है। कभी गंदा पानी यहां की पहचान था। यह ग्रामीणों के लिए किसी बीमारी से कम नहीं था, लेकिन आज वही ग्रामीणों के लिए फायदेमंद है। यह सार्थक हुआ है थ्री पौंड सिस्टम से। जी हां, हम बात कर रहे हैं करनाल के शाहपुर गांव की, जहां पर पहले एक जोहड़ था और जिसमें पूरे गांव का गंदा पानी जमा होता था।

3 साल पहले शुरू हुई थी कवायद

Shahpur Village Of Karnal

तीन साल पहले गांव में थ्री पौंड सिस्टम शुरू किया। इसके तहत तालाब को तीन हिस्सों में विभाजित किया। इससे गंदे पानी को साफ किया। इस साफ पानी को अब खेतों में सिचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे एक तो ग्रामीणों को गंदे पानी से छुटकारा मिला, वहीं फसलों को सिचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो रहा है। यही नहीं तालाब के साफ पानी मे मछली पालन ग्राम पंचायत की आय का जरिया भी बन गया है। जो दूसरों को भी प्रेरणा दे रहा है।

सबके आकर्षण का केंद्र है

Shahpur Village Of Karnal

आज यह तालाब सौन्द्रीयकरण के चलते सबके आकर्षण का केंद्र है और गांव के लोग इसके किनारों पर सैर का आनंद उठाते है।  गांव के पंच कर्मजीत ने बताया कि गांव की सभी गलियां पक्की हैं। पीने के पानी की भी हर घर तक सुविधा है। गांव को गंदे पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए थ्री पौंड सिस्टम लगाया गया है। जिससे गंदे पानी को साफ करके सिचाई में इस्तेमाल किया जाता है।

सभी ग्रामीणों के लिए यह था सिरदर्द

Shahpur Village Of Karnal

ग्रामीण सुरेंद्र ने कहा कि शाहपुर में आज से तीन साल पहले जो गंदा पानी ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बना था, आज वहीं गंदा पानी किसानों के लिए वरदान बन गया है। गांव की पूर्व पंचायत की बनाई गई जल संरक्षण की योजना ने पूरे गांव की तस्वीर बदलकर रख दी है। अगर तीन वर्ष पहले गांव की गलियों पर नजर डालें तो करीब आधा दर्जन गलियां कीचड़ से भरी थी।

निकासी नहीं होना था गंदगी का कारण

Shahpur Village Of Karnal

उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण गांव के गंदे पानी की उचित निकासी व्यवस्था नहीं होना था। गांव के किसानों और पूर्व पंचायत के लिए गए जल संरक्षण के फैसले से गांव को गंदे पानी से निजात मिली और किसानों को फसल में प्रयोग करने के लिए पानी। अब इसी गंदे पानी से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल हर सीजन लहलहाती है। ग्राम पंचायत इसमे मछली पालन कर इससे आय भी प्राप्त कर रही है।

पंचायती जमीन पर बनवाया था तालाब

Shahpur Village Of Karnal

स्वच्छ भारत मिशन के सहायक समन्वयक राजीव शर्मा ने बताया कि गंदे पानी की निकासी नहीं होने से गांव की गलियों में गंदा पानी भरा रहता था। बदबू से ग्रामीणों का जीना हराम था। इससे निजात पाने के लिए गांव में ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई। इसमें योजना अनुसार मनरेगा स्कीम के तहत गंदे पानी की निकासी के लिए गांव के करीब पंचायती जमीन में एक तालाब खुदवाया गया। गांव के पास लगते ओवरफ्लो तालाब का गंदा पानी निकालने के लिए खेतों के बीच से एक पाइप लाइन पंचायती जमीन में खोदे गए तालाब तक पहुंचाई गई।

अब नहरी पानी की खाल से जोड़ा

इस तालाब में गंदे पानी को स्टॉक कर दिया गया। साथ ही तालाब के गंदे पानी को पाइप लाइन के माध्यम से खेतों से गुजरने वाली नहरी पानी की खाल से जोड़ दिया गया। इससे अब जिस भी किसान को फसल में पानी की जरूरत होती है, तो वह पानी ले लेता है।

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